इंटरसेक्शनलजाति समाज के चरित्र में धब्बा है लक्ष्मणपुर बाथे जनसंहार : जस्टिस विजय प्रकाश मिश्रा

समाज के चरित्र में धब्बा है लक्ष्मणपुर बाथे जनसंहार : जस्टिस विजय प्रकाश मिश्रा

आज भी लक्ष्मणपुर बाथे गाँव के दलित समुदाय की स्थिति वही के वही पड़ी है| जहा कल थी! आज भी वहा बेरोजगारी और शिक्षा का काफी अभाव है|

बिहार राज्य के अन्तर्गत, जिला-अरवल में स्थित गाँव-लक्ष्मणपुर बाथे है| लक्ष्मणपुर बाथे गाँव सोन नदी के किनारे पर स्थित है| लक्ष्मणपुर बाथे गाँव में दलित समुदाय के साथ-साथ OBC और सामान्य जाति के लोग भी रहते है| करीबन नब्बे के दसक में दलित जनसंहार का दौरा बिहार में जोरो से चल रहा था|

उसी दौरे के चपेट में अचानक 01 दिसंबर 1997, काफी ठण्ड का मौसम था! दिन-सोमवार, समय करीब संध्या 07 बजे| करीब 200 से 250 लोगो के संख्या में सोन नदी को नाव से पार किए, नदी को पार करने के बाद दलित मलाह जो उनको नाव खेव कर पार किए थे! उन निदोष दलित मलाहो को भी रणवीर सेना के लोगो ने तलवार से गला काट कर हत्या कर दी! मलाहो के हत्या करने के बाद रणवीर सेना संगठन के लोग लक्षमणपुर बाथे गाँव के दलित बस्ती में आए, उस वक्त दलित समुदाय के लोग मजूदरी करके अपने-अपने घरो में खाना बनाना एव खाने का काम कर रहे थे!

तबही अचानक से रणवीर सेना संगठन के लोग दलित बस्ती को चारो तरफ से घेर लिए और गोलियों की बारिस करने लगे! दलित बस्ती से करीब 85% लोगो को भागने या छिपने का मौका नही मिल पाया और रणवीर सेना संगठन के हाथो उन बेकसूर दलितों की हत्या कर दी गई! मरने वालो की कुल संख्या 58 थी! मारे गए लोगो में से 16 बच्चे थे! 27 महिलाए थी, जिसमे से 09 महिलाए गर्भवती थी, और बाकि सब बूढ़े/बुजुर्ग थे! रणवीर सेना संगठन के लोगो ने लगातार 03 घंटे तक मौत का तांडव खेला और पूरी दलित बस्ती को समसान बना दिया!

मारे गए लोगो में से 16 बच्चे थे! 27 महिलाए थी, जिसमे से 09 महिलाए गर्भवती थी, और बाकि सब बूढ़े/बुजुर्ग थे!

1997 में लक्ष्मणपुर बाथे गाँव जहानाबाद जिला के अन्तर्गत आता था! सन 2005 से लक्ष्मणपुर बाथे गाँव की गिनती जिला-अरवल में होने लगा है! नब्बे के दसक में इन सभी इलाको को लाल इलाका के नाम से जाना जाता था! उस वक्त बिहार में राजद पार्टी की सरकार थी! बिहार की मुख्य मंत्री राबड़ी देवी थी! जिनका सासन और कार्य सुस्त रूप से कार्य/प्रभाव कर रही थी! सरकार की सुस्ती को देखते हुए दलित और OBC समुदाय के लोगो ने मिल कर भाकपा माले नामक एक संगठन को बनाया था!

जो दलित/आर्थिक गरीब लोगो का संगठन था! जो अपना हक़ अधिकार से अपनी लड़ाई लड़ कर हासिल करना चाहते थे! दलितों के पास अपनी जमीन नही थी! और जिन दलितों की जमीन थी उनकी जमीन भी उच्य वर्ग के लोगो के कब्ज़ा में हो जाता था! तो अपने संघर्ष के बल बुत्ते पर अपना हक़ और अधिकार लेने वाले दलितों का जनसंहार कर दिया जाता था! इसी प्रकार की भूमि विवाद के चपेट में लक्ष्मणपुर बाथे गाँव आ पड़ा और पूरी दलित बस्ती उजड़ गई!

लक्षमणपुर बाथे दलित हत्या कांड/जनसंहार के बाद मृतक के परिवार से बचे हुए सदस्य, रिश्तेदार, एव दलित सामाजिक संगठन एव संथाओ के लोग मिल कर लगातार दो दिनों तक मृतक शारीर को लेकर न्याय का गोहार लगाते रहे तब जा कर 03 दिसम्बर 1997 को मुख्य मंत्री राबड़ी देवी घटना स्थल पर आई और डेट बाडी को ट्रेक्टर पर लाद कर पोस्ट मासटम करवाई एव मृतक व्यक्तियों का दाह संस्कार करवाया उसके साथ ही बिहार सरकार ने वादा किया की मृतक परिवार के बच्चो को पढाई की व्योस्था, नौकरी, पेंसन, मकान, कपड़ा, मुआवजा और न्याय देगी का वादा किया!

परन्तु आज तक सरकार का वादा अधुरा है! चंद पैसो के रूप में मुआवजा, और मकान दिया, लेकिन इसके आलावा और कुछ नही दिया! आज भी लक्ष्मणपुर बाथे गाँव के दलित समुदाय की स्थिति वही के वही पड़ी है! जहा कल थी! आज भी वहा बेरोजगारी और शिक्षा का काफी अभाव है! लक्ष्मणपुर बाथे गाँव में जो भी बिकसित हुआ है या किया गया है! वह दलित संस्थाव के प्रयास से हुआ है!

“लक्ष्मणपुर बाथे गाँव में जो भी विकसित हुआ है या किया गया है वो दलित संस्था के प्रयास से ही हुआ|”

इस जनसंहार में कुल 46 लोगो को आरोपी बनाया गया था! इसमें से निचली अदालत ने करीब 19 लोगो को बरी कर दिया था! जबकि एक व्यक्ति सरकारी गवाह बन गया था! 16 आरोपियों को मौद का सजा सुनाया था और बाकि को उम्र कैद का!

09 अक्टूबर 2013 को 26 अभियुक्तों को पटना हाई कोर्ट ने बाईजत बरी कर दिया! उस वकत बिहार में दुर्गा पूजा का समय था! आरोपी गण हाई कोर्ट से बरी होने के बाद लक्ष्मणपुर बाथे गाँव में वापस पहुचे और बड़ी धूम-धाम से दुर्गा पूजा का उत्सव मनाए! उधर दलित समुदाय के लोग उस समय के बाद आज तक शोक मना रहे है! और न्याय के लिए आज भी गोहार लगा रहे है!

और पढ़ें : द्रविण आंदोलन : ब्राह्मणवादी व्यवस्था के खिलाफ़ सबसे प्रभावी आंदोलन में से एक


Sushma Kumari hails from Bihar and is currently leading a team of young Dalit women leaders in her state. Actively identifying youngsters from the community, nurturing them and building new collectives has been her forte. She has been instrumental in organising Ambedkar Mission Yatra, a youth-led initiative across several districts of Bihar. She is currently, State Coordinator, All India Dalit Mahila Adhikar Manch.

तस्वीर साभार : NDTV

Leave a Reply

संबंधित लेख

Skip to content