मल्टीमीडियाइन्फोग्राफिक्स जयंती विशेष: औरतों पर लिखी गईं सआदत हसन मंटो की ये कहानियां जो सभी को पढ़नी चाहिए

जयंती विशेष: औरतों पर लिखी गईं सआदत हसन मंटो की ये कहानियां जो सभी को पढ़नी चाहिए

“अगर आपको मेरी कहानियां अश्लील या गंदी लगती हैं, तो जिस समाज में आप रह रहे हैं, वह अश्लील और गंदा है। मेरी कहानियां तो केवल सच दर्शाती हैं।”  य़े शब्द मशहूर लेखक सआदत हसन मंटो के हैं। मंटो अपनी बेबाक लेखनशैली और समाज के हर मुद्दे को अपनी कहानियों में दर्शाने के लिए मशहूर थे। आइए, उनकी जयंती के मौके पर जानिए उन चुनिंदा कहानियों के बारे में जिसमें उन्होंने औरतों के बारे में लिखा, जिसमें औरतों के सशक्त किरदारों ने एक अमिट छाप छोड़ी।

1- ठंडा गोश्त

भारत -पाकिस्तान बंटवारे के समय महिलाओं के साथ हुई यौन हिंसा को संजीदगी के साथ बयां करती इस कहानी को पढ़ा जाना चाहिए। यह कहानी इंसानियत की लूट और धार्मिक हिंसा का घिनौना रूप उजागर करती है।

2- काली सलवार

‘काली सलवार’ सेक्स वर्कर्स के अस्तित्व, हसरतों और संवेदनाओं की कहानी है। यह कहानी सुल्ताना नाम की सेक्स वर्कर की है, जो नए शहर दिल्ली में अपनापन और काम की तलाश में है।

3- खोल दो

किसी भी देश में विभाजन, युद्ध, दंगे और हिंसा से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाली महिलाएं ही होती हैं, उन पर इसका सबसे अधिक भार आता है। मंटो की कहानी ‘खोल दो’ भारत- पाकिस्तान बंटवारे के बाद एक पिता की अपनी बेटी को ढूंढने की कहानी है। इसमें मंटो ने बंटवारे के समय महिलाओं के साथ हुई यौन हिंसा को बखूबी दिखाया है।

4- औलाद

‘औलाद’ मंटो की एक ऐसी कहानी है, जिसमें उन्होंने समाज की बनाई गई स्त्री का बखूबी चित्रण है। यह मुस्लिम विवाहिता की कहानी है, जो बच्चे की चाहत में अपना मानसिक संतुलन खो बैठती है। इस कहानी के ज़रिए मंटो ने महिलाओं के मन में समाज की जमाई परतों को उजागर किया, जिसमें एक महिला का अस्तित्व उसके मां होने से ही है।

5- मोज़ेल

यह कहानी है एक आज़ाद ख्याल लड़की की है जो अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेती है। वह बुद्धिमान, साहसी, स्वतंत्र, मुंफट और धर्म की पाबंदियों को ना मानने वाली महिला है।

6- धुआं

‘धुआं’ के जरिए मंटो ने एक ऐसी सशक्त लड़की की दास्तां बयां की, जो अपने आपको किसी भी मामले में अपने भाई से कम नहीं मानती।

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