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- बतौर लेखक आप अपने लिए किस नाम का इस्तेमाल करना चाहेंगें
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- आपके लिए इंटरसेक्शनल शब्द के क्या मायने हैं? इसके बारे में कम से कम 200 में लिखकर भेजें
- फेमिनिज़म इन इंडिया-हिंदी के लिए लिखने में आप किन विषयों पर लिखना पसंद करेंगें
- आपके बेहतरीन लेख का एक नमूना, जिससे हम आपके लेखन को भलीभांति समझ सकें
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संपादन नोट – हमारी संपादकीय की एक व्यवस्थित नीति है, जिसे पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें। फेमिनिज़म इन इंडिया-हिंदी एक सक्रिय प्रयास है जो समान अवसर और समानरूप से दलित, बहुजन और आदिवासी लेखकों को बढ़ावा देने और जेंडर की बाइनरी से परे ट्रांस और विकलांग लेखकों को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध है।
विषय जो हम चुनते है
- संस्कृति : परंपरा, साक्षत्कार, कलाकार्य, पुस्तक समीक्षा, फोटो-निबन्ध, यात्रा वृतांत और संस्कृति से जुड़े मुद्दे।
- नारीवाद : नारीवाद से जुड़े मुद्दे।
- इतिहास : प्रमुख घटनाओं और नारीवाद के दौर में महिला इतिहास के बारे में।
- इंटरसेक्शनल : शरीर की छवि, शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, जाति, वर्ग, सेक्स और यौनिकता, जेंडर, हिंसा, मर्दानगी, विशेषाधिकार, धर्म और शहरी और ग्रामीण समुदाय।
- ख़बर : नारीवाद और जेंडर से संबंधित समसामयिक मुद्दों की खबर।
- कानून और नीति : इंटरसेक्शनल मुद्दों पर केन्द्रित क़ानून और नीति।
- वीडियो : नारीवाद और जेंडर से जुड़े मुद्दे पर केन्द्रित वीडियो की समीक्षा।
लेख भेजने के नियम
- लेख के शीर्षक को ई-मेल के सब्जेक्ट में लिखें और अपने हिंदी लेख hindi@feminisminindia.com पर भेज दें।
- आपके हिंदी लेख वर्ड फाइल में (मंगल फॉण्ट) में 12 फॉण्ट साइज़ के साथ सिंगल स्पेस में भेजें।
- लेख की शब्द-सीमा 800 से 1000 शब्द हो, विश्लेषण संबंधित लेख इससे अधिक शब्दों में हो सकते हैं। लेख के साथ शीर्षक ज़रूर भेजें।
- आपके लेख उपयुक्त लिखे गये किसी भी मुद्दे पर हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि फिलहाल हम कविता, कहानी और नाटक प्रकाशित नहीं करते हैं।
- हमारे लिए नारीवादी होने का मतलब सिर्फ महिला-मुद्दे नहीं हैं बल्कि हर वो विषय जिसका ताल्लुक अल्पसंख्यक या हाशिये पर रहने वाले से समुदाय से जुड़ा है, उसे हम प्रकाशित करते हैं।
- अगर संभव होतो अपने लेख के अनुसार उचित तस्वीर ही भेजें, जो लेख के मुख्य संदेश को बयां करती हो।
- अगर आप किसी शोध संबंधित लेख भेज रहें हैं तो लेख में दी गयी सूचनाओं के स्रोत की लिंक ज़रूर पुख्ता करें और लेख के साथ भेजें।
- हम पहले से प्रकाशित किसी लेख को स्वीकार नहीं करते हैं।
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