‘विकसित’ होते गांवों के बीच खेती-किसानी के लिए सबसे बड़े संकट बने छुट्टा जानवरBy Rupam Mishra 6 min read | Mar 23, 2023
प्रेम करते जोड़े और क्रूरता के रोज़ नये कीर्तिमान रचता ग्रामीण भारत का खाप परिवेशBy Rupam Mishra 6 min read | Mar 20, 2023
देश की बढ़ती साक्षरता दर के बीच शिक्षा से आज भी कोसों दूर ये ग्रामीण लड़कियांBy Sakshi Mishra 5 min read | Mar 17, 2023
यौन उत्पीड़न, गैरबराबरी, बाज़ारीकरण और बदलते लोकरंग में होली का त्योहारBy Rupam Mishra 5 min read | Mar 13, 2023
पंचायती चुनाव में कौन सा बटन दबाएंगी महिलाएं, आज भी मर्द करते हैं तय!By Sakshi Mishra 5 min read | Mar 8, 2023
दो बीघा ज़मीन: आखिर फ़िल्म की प्रासंगिकता खत्म क्यों नहीं हो रही है?By Rupam Mishra 7 min read | Feb 28, 2023
ग्रामीण इलाकों में विटिलिगो से जुड़े मिथ्यों के कारण भेदभाव और तिरस्कार का सामना करतीं औरतेंBy Rupam Mishra 5 min read | Feb 27, 2023
डीजे और ऑर्केस्ट्रा के अश्लील गीतों में लहालोट पूरब का सामंती लोक- समाजBy Rupam Mishra 6 min read | Feb 20, 2023
प्रेम के परिदृश्य में अवध: प्रेम को मारकर किसी देश की आत्मा में क्या बचेगाBy Rupam Mishra 5 min read | Feb 20, 2023
अवध के गाँवों में नालियों और रास्तों के लिए मचा संग्राम, एक सामंती समाज में असमानता से बना जर्जर ढांचाBy Rupam Mishra 6 min read | Feb 7, 2023
पतंगबाज़ी के ज़रिये कैसे अपनी जगह बना रही हैं ये ग्रामीण औरतेंBy Neha Kumari 4 min read | Jan 30, 2023
लाख की चूड़ियां बनाकर राजस्थान की कलात्मक विरासत को सहेजती ये मुस्लिम महिलाएंBy Shefali Martins 5 min read | Jan 18, 2023
नुक्कड़ नाटक के ज़रिये पितृसत्ता को चुनौती देती ये ग्रामीण लड़कियां| नारीवादी चश्मा By Swati Singh 5 min read | Dec 20, 2022
अवध के पंचायती चुनावों और राजनीति में स्त्री की भूमिका का ज़मीनी सचBy Rupam Mishra 7 min read | Dec 12, 2022