मेरा फेमिनिस्ट जॉय: संगठन, शिक्षा और नारीवाद की समझ
भले ही आर्थिक दिक्कतें थीं, लेकिन विचार और शिक्षा बचपन से ही मेरी पूंजी रहे। संगठन के विचारों के सहारे मैंने मज़दूर स्कूल से अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र तक पढ़ाई का सफर तय किया। यह सफर मुश्किलों से भरा था।