महिला निर्देशकों की फ़िल्में और भारतीय सिनेमा जगत पर इसका प्रभाव
सलाम बॉम्बे, मॉनसून वेडिंग और द नेमसेक जैसी फ़िल्मों के माध्यम से गरीबी, प्रवास और पहचान के मुद्दे को उठाते हुए मीरा नायर ने रियलिस्टिक सिनेमा को मजबूत करने का काम किया। इसी तरह ज़ोया अख़्तर की फिल्म गली बॉय मुंबई के झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लड़के के सपनों और संघर्षों को सामने लाती है।