इंटरसेक्शनलजेंडर कैसे आपस में जुड़े हैं भाषा और लैंगिक असमानता

कैसे आपस में जुड़े हैं भाषा और लैंगिक असमानता

समाज में पुरुष प्रभुत्व को स्त्री पर लागू करने के लिए भाषा एक माध्यम है, जिससे उसे शोषित किया जाए और उसके अस्तित्व को नज़रअंदाज़ कर दिया जाए।

शुरुआती समय में कबीलाई संघर्ष होते थे, जो सदस्यों की संख्या के बल के आधार पर जीते जाते थे। महिलाएं प्रजनन क्षमता के कारण सदस्यीय-संख्या में इज़ाफ़ा करती थीं, इसलिए दूसरे दल स्त्रियों पर हिंसा करके विरोधी दलों को कमज़ोर करने की कोशिश करते थे। इससे महिलाओं को दायरों में बांधकर घरों तक सीमित कर दिया गया। नतीजतन बाहरी क्षेत्र सीधे पुरुषों के दायरे में आया। पुरुषों की शारीरिक क्षमता भी उसी के अनुरूप विकसित हुई और क्रम-विकास की प्रक्रिया में वह आगे रहे। समाज में भी उनका ही प्रभुत्व रहा। इससे जितने भी विकास हुए, चाहे वह भाषा, दर्शन या विज्ञान में हुआ हो, सब