मैं इमरान खान। दिल्ली से हूं। मैं एक टीचर होने के साथ साथ लेखक भी हूं और कुल मिलाकर हिंदी में लगभग 650 लेख लिख चुका हूं जिसमें महिलाएं, समलैंगिक समुदाय की समस्याएं और चुनौतियां और कई सामाजिक मुद्दे पर लेख और कहानियां शामिल हैं। मैं अपने आस-पास हाशिये पर आंके जाने वाले समुदाय के लिए लिखना चाहता हूं। कलम में ताकत होती है। अपने इसी भाव से मैं अपने समुदाय के साथ-साथ महिलाओं के विकास के लिए भी लोगों तक बात पहुंचाना चाहता हूं। इन सब की आवाज़ बनना चाहता हूं और कई हद तक इस विषय में सफल भी रहा हूं।