मैं मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के एक छोटे से कस्बे पोरसा से हूं.छोटे शहर से होने का मतलब है सीमित अवसर का होना या यूं कहें कि शायद आपकी प्रतिभा उभर कर सबके सामने क्या आपके सामने भी नहीं आ पाती है. शायद मेरे साथ भी यही हुआ और मैं समझ नहीं पा रही थी कि मुझे क्या करना है अपने जीवन में लेकिन इतना पता था कि आपने मम्मी और पापा को सारी खुशियां देनी है जो एक लड़का देता है.बस फिर क्या था मैं और मेरा अनजान सफर शुरू हो गया और समय के साथ एक छोटे शहर से निकल कर में दिल्ली पहुंच गई.मैंने यहां पत्रकारिता के जरिये अपने सफर को एक नया आगाज दिया जहां मैं हर दिन कुछ नया सीखने और अपनी बात को सबके सामने रखने का प्रयास कर पाती हूं क्योंकि बचपन से ही मैं बहुत कम बोलती हूं तो मेरे लिए अपने इस नेचर को बदलना एक चुनौती था जो अब काफी हद तक बदल चुकी है. इसके अलावा मुझे पढ़ना, डांस करना, प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक जगहों पर जाना पसंद है और मोबाइल कैमरे से फोटोग्राफी करने का भी शौक है.