एनसीआरबी 2019 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में बलात्कार के कुल 31,755 मामले दर्ज किए गए, यानी औसतन प्रतिदिन 87 मामले। ऐसे में एक महिला जज की तरफ़ से इस तरह का फैसला आना उन महिलाओं के बल और साहस को कमज़ोर करेगा जो हिम्मत कर के अपने खिलाफ़ हो रहे गलत को गलत कहने का साहस रखती है।