मेरा नाम नंदिनी राज है। मैं बिहार के छपरा जिले से हूं। समाज में मौजूद रूढ़िवाद, भेदभाव और लैंगिक असमानता जैसे मुद्दों को समझने, लिखने और उनपर बातचीत करने में मेरी गहरी रूचि है। मैंने बचपन से देखा है कि किस तरह हमारे समाज में लड़कियों को चुप रहना सिखाया जाता है और कैसे रूढ़िवाद और भेदभाव उनकी आकांक्षाओं को सीमित कर देता है। मैं मानती हूं कि लेखनी केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि परिवर्तन की शुरुआत भी हो सकती है। मेरी कोशिश है कि मैं अपने गांव और समाज के उन तबकों की आवाज़ बनूं, जिन्हें सदियों से बोलने और सुने-जाने का अवसर नहीं मिला।