हिंदी के पहले सामुदायिक स्त्रीवादी ब्लॉग ‘चोखेरबाली’ से शुरू कर स्त्रीवादी आलोचना की सैद्धांतिकी लिखने तक सुजाता ने लम्बा सफ़र तय किया है। एक कविता संग्रह “अनंतिम मौन ने बीच “ और एक उपन्यास “एक बटा दो” प्रकाशित। स्त्री विमर्श पर दो किताबें “स्त्री निर्मिति” और “दुनिया में औरत” के अलावा आलोचना की किताब “ आलोचना का स्त्री पक्ष” प्रकाशित।
सम्प्रति- दिल्ली विश्वविद्यालय में असोसिएट प्रोफ़ेसर.