मेरा नाम चित्रा राज है। मैंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में ग्रेजुएशन किया है। मैं नारीवादी बनने की प्रक्रिया में हूं। इस विचार से मेरा वास्ता अभी हाल के ही कुछ वर्षों में हुआ है। अपनी लेखनी के माध्यम से समाज के हर उस वर्ग की आवाज़ बनना चाहती हूं, जो वर्षों से अपना हक मांगते आए हैं।