साल 2023 में देश की कई महिला खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा के बल पर दुनिया में नाम कमाया हैं। देश की कई महिला खिलाड़ियों ने अलग-अलग खेलों के माध्यम से उपलब्धियां हासिल की हैं। आइए जानते हैं उन महिला खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने खेल जगत में अपने प्रदर्शन और उपलब्धियों से इस साल को यादगार बनाया।
1-अदिति गोपीचंद स्वामी
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महाराष्ट्र की रहने वाली अदिति स्वामी ने तीरंदाजी में इतिहास रचा। अदिति विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप के कंपाउंड महिला फाइनल में मैक्सिको की एंड्रिया को हराकर सीनियर वर्ल्ड चैंपियन बन गईं। सतारा जिले की रहने वाली 17 साल की स्वामी ने जुलाई 2023 में लिमरिका में युवा चैंपियनशिप में अंडर-18 का खिताब जीता था। साथ ही अदिति ने एशियाई खेलों में कांस्य पदक भी अपने नाम किया। बीते वर्ष एशियन गेम्स में भी वह अपने नाम स्वर्ण पदक कर चुकी हैं।
2- निखत ज़रीन
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दो बार विश्व चैंपियन रही चुकी निखत ज़रीन ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के हांग्जो में एशियाई खेलों में इस साल 50 किलोग्राम स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। साथ ही जॉर्डन की हनान नासर को पछाड़कर पेरिस 2024 ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनीं। इसके अलावा ज़रीन ने 2022 में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। निखत की इन सभी उपलब्धियों के लिए उन्हें साल 2022 में अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। तेलंगाना की रहने वाली निखत ज़रीन को खेलों में रुझान अपने पिता की वजह से मिला। ज़रीन ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, विशाखापट्टनम में अपनी ट्रेनिंग हसिल की। कुछ सालों बाद निखत ने राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाईं।
3- मनीषा कल्याण
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मनीषा कल्याण यूरोप में धूम मचाने वाली पहली भारतीय महिला फुटबॉलर हैं। 21 वर्षीय मनीषा के नाम कई उपलब्धियां हैं। साल 2023 में यूएफा (UEFA) महिला चैंपियंस लीग मे अपोलोन लेडीज एफसी के लिए जर्जिया की डबल्यूएफसी सेमग्रेला के खिलाफ़ स्कोर करने वाली पहली भारतीय हैं, जिससे भारत में महिला फुटबॉलर्स का स्तर ऊंचा हो गया। साल 2021 में मनीषा ‘इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर’ भी चुनी जा चुकी हैं। विदेशी लीग में खेलने वाली मनीषा देश की चौथी खिलाड़ी हैं। मनीषा ने जनवरी 2019 में हांगकांग के खिलाफ अपना इंटरनैशनल डेब्यू किया था। इससे पहले उन्हें साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स फुटबॉल कप में भाग लेने वाली भारतीय अंडर-17 टीम में शामिल किया गया था। उन्होंने साल 2019-20 सीज़न में गोकुलाम केरल को IWL का खिताब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थीं। भारतीय महिला फुटबॉलर्स टीम में आने के पहले मनीषा को काफ़ी संघर्षों का सामना करना पड़ा था। मनीषा को अपने गांव में लड़कों के साथ फुटबॉल खेलकर प्रैक्सिट करती थीं।
4- पारुल चौधरी
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एशियन गेम्स 2023 में मेरठ की पारुल चौधरी ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। उन्होंने एशियन गेम्स में 5000 मीटर महिलाओं की रेस में गोल्ड मेडल हासिल किया। पारुल ने जापान की खिलाड़ी को पीछे छोड़ सबसे पहले 5000 मीटर रेस पूरा किया। साथ ही पारुल बुडापेस्ट में महिलाओं की 3000 मीटर स्टेपलसेज फाइनल में 11वें स्थान पर रहीं, और पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई किया। पारुल ने वर्ल्ड चैंपियनशिप 2023 में 3000 मीटर स्टेपलेज के फाइनल में जगह बनाईं। इसके साथ ही उन्होंने नैशनल रिकॉर्ड भी कायम किया। साल 2011 में पारुल पहली बार 800 मीटर रेस में दौड़ी और चैंपियन बनीं। इस रेस से पहले पारुल ने कोई अभ्यास नहीं किया था। उन्होंने नंगे पैर दौड़ कर ही रेस जीत ली थी।
5- शीतल देवी
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शीतल देवी भारतीय पैरा आर्चर हैं जिन्होंने अब तक के खेल के सफ़र में कई उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। हाल ही में वह वीमंस कंपाउंड ओपन सेक्शन में दुनिया की नंबर एक पैरा आर्चर बनी हैं। रियाद में एशियन अवार्ड 2023 में उन्हें बेस्ट यूथ एथलीट ऑफ द ईयर के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। चीन के हांग्जो में एशियाई पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप 2023 में दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल हासिल कर इतिहास रच दिया। वह एक ही संस्करण में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उन्होंने 2022 एशियाई पैरा खेलों में महिलाओं के कंपाउंड में प्रतिस्पर्धा करते हुए रजत पदक हासिल किया था। शीतल जम्मू कश्मीर की मूल निवासी है। गरीब परिवार में पली बढ़ी शीतल के पिता किसानी करते हैं और माँ घर के काम के साथ साथ बकरियां पालती हैं। साल 2021 में बतौर तीरंदाज़ करियर की शुरुआत करने वाली शीतल ने पहली बार किश्तवाड़ में भारतीय सेना की एक युवा प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था।
6- अंतिम पंघाल
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हरियाणा की 19 वर्षीय अंतिम पंघाल ने अस्ताना में 2023 एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। साथ ही 2023 वैश्विक प्रतियोगिता में डेब्यू किया और बेलग्रेड में कांस्य पदक विजेता बनीं। शुरुआती दौर में गत चैंपियन पैरिश को हराया लेकिन सेमीफाइनल में बेलारूस की वेनेसा से हार गई। इसके बाद अंतिम दो बार की यूरोपीय चैंपियन स्वीडन की जोना माल्मग्रेन को हरा कर कांस्य पदक अपने नाम किया। इसी जीत के साथ पंघाल ने पेरिस 2024 ओलंपिक कोटा भी हासिल कर लिया। वह अंडर-20 कुश्ती विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। साल 2018 में वह 49 किलोग्राम में अंडर-15 राष्ट्रीय चैंपियन बनीं और उसी साल जापान में अंडर-15 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया। इसके बाद कई कैडेट अंडर-17 राष्ट्रीय खिताब अपने नाम किया। यही नहीं साल 2020 में अंतिम केवल 17 साल की थीं तब उन्होंने जूरियार एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके साथ ही अंडर-23 एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक भी अपने नाम किया। अंतिम पंघाल को कुश्ती में रूचि राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी सरिता से मिली।
7- ईशा सिंह
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हैदराबाद की रहने वाली 18 साल की ईशा सिंह ने एशियन गेम्स 2023 में अकेले चार पदक अपने नाम किए थे। महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में मनु भाकर और रिदम सांगवान के साथ मिलकर स्वर्ण पदक हासिल किया। साथ ही ईशा ने महिलाओं की व्यक्तिगत 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में प्रतिस्पर्धा करते हुए रजत पदक अपने नाम किया। आठ साल की उम्र में ईशा ने गो-कार्टिंग और बैडमिंटन में अपना प्रशिक्षण शुरू किया था। बाद में अपने पिता के साथ हैदराबाद के गोचीबोवली एथलीट स्टेडियम में जाने के बाद उन्होंने पिस्टल शूटिंग में ट्रेनिंग लेनी शुरू की।
ईशा ने भारतीय निशानेबाज और ओलंपिक पदक विजेता गगन नारंग के मार्गदर्शन में अपने हुनर को निखारा। उन्होंने 2014 में अपनी शूटिंग यात्रा की शुरुआत की और वह लगातार कई उपलब्धियां अपने नाम कर ही हैं। साल 2019 में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में उन्होंने अपना पहला मेडल हासिल किया था। जहां उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। 2019 में आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप, जर्मनी में 10 मीटर एयर पिस्टल वुमन में दूसरे स्थान पर रही थी। उन्होंने 10मीटर एयर पिस्टल मिक्सड टीम इवेंट में कांस्य पदक जीता था। साल 2020 में ईशा को कम उम्र में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के कारण प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
8- अदिति अशोक
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अदिति अशोक ने एशियन गेम्स 2023 में गोल्फ में सिल्वर मेडल अपने नाम कर इतिहास रचा। एशियन गेम्स में गोल्फ स्पर्धा में पदक जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला हैं। बेंगलुरू के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी अदिति पांच साल की उम्र से ही गोल्फ खेल रही हैं। केवल 13 साल की उम्र में ही अदिति ने राज्य स्तरीय गोल्फ प्रतियोगिता में पुरस्कार जीतना शुरू कर दिया था। उन्होंने 2012, 2013 और 2014 में लगातार तीन बार राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप हासिल की। साथ ही 2014 में उन्होंने जूनियर और सीनियर दोनों खिताब एक साथ अपने नाम किया था। वह एक मात्र भारतीय हैं, जिन्होंने 2013 के एशियाई युवा खेलों, 2014 के युवा ओलंपिक और एशियाई खेलों दोनों में हिस्सा लिया था।
9- हरमिलन बैंस
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पंजाब के होशियारपुर जिले की रहने वाली हरमिलन बैंस ने चीन में हुए एशियाई खेलों 2023 में 1500 मीटर की रेस में रजत पदक हासिल किया। हरमिलन एक एथलीट के परिवार से नाता रखती हैं। उनके माता-पिता दोनों एथलीट हैं। हरमिलन ने बचपन में अपनी मां के साथ अभ्यास करना शुरू कर दिया था। यही कारण है कि हरमिलन देश की एक मात्र महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने दो स्पर्धाओं के लिए क्वालीफाई किया है। इस साल इंटर स्टेट एथलेटिक चैंपियनशिप, भुवनेश्वर में उन्होंने 1500मीटर और 800 मीटर में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। हरमिलन ने साल 2015 में रांची में हुए अंडर 18 नेशनल चैंपियनशिप के 800 मीटर और 1500 मीटर स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया था। इसके बाद उन्होंने साल 2016 में वियतनाम के हो ची मिन्ह में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप की 1500 मीटर स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर पहला अंतरराष्ट्रीय पदक अपने नाम किया।
नोटः यह सूची अपने आप में संपूर्ण नहीं हैं। ऐसी कई और होनहार महिला खिलाड़ी हमारे देश में मौजूद हैं जो लगातार अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं।