मैंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई इतिहास में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से की है और अभी मैं ‘रूरल डेवलपमेंट’ में मास्टर्स कर रहीं हूं।यदि मेरे व्यक्तित्व को देखा जाए तो इसमें कस्बाई खारापन, खट्टा मीठा खुलापन देखने को मिल सकता है।मैं अक्सर नये लोगों से मिलना और उनके संघर्ष के किस्सों का सोशल मैकेनिज्म बनाना पसंद करती हूँ।फिलहाल तो मैं सोशल साइंटिस्ट के गलियारों को समझ रही हूँ और इसी दिशा में कैरीयर की तलाश में हूँ।कविता ,गजल और गाने सुनना, नयी-नयी जगहों पर जाना, बच्चों के साथ खेलना मेरी जिन्दगी में चार चाँद लग जाने जैसे हैं।