बॉम्बे हाई कोर्ट का विवादास्पद फैसला: क्या मौखिक और मानसिक हिंसा क्रूरता नहीं है?By Masoom Qamar 6 min read | Nov 19, 2024
मद्रास हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: वैवाहिक संबंधों में निजता का मौलिक अधिकारBy Malabika Dhar 5 min read | Nov 13, 2024
डी वाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल के हिट और मिस: न्यायिक प्रगति के प्रयास कितने हुए सफल?By Masoom Qamar 7 min read | Nov 8, 2024
जन्म से पहले भ्रूण की पहचान बताना क्या कन्या भ्रूण हत्या को रोक पाएगा!By Pooja Rathi 6 min read | Nov 4, 2024
बाल विवाह निषेध अधिनियम और व्यक्तिगत कानूनों की टकराहट पर सर्वोच्च न्यायालय का अहम फैसलाBy Roqaiya Bushri 6 min read | Oct 29, 2024
अदालत का बलात्कार आरोपी से सर्वाइवर की शादी का प्रस्ताव रूढ़िवादी मानसिकता दिखता हैBy Masoom Qamar 7 min read | Oct 22, 2024
क्या है नारीवादी न्यायशास्त्र और कानूनी प्रणालियों को नारीवादी नज़रिये से देखने की क्यों है ज़रूरतBy Masoom Qamar 7 min read | Oct 3, 2024
भय या गलतफहमी के तहत सेक्स के लिए सहमति बलात्कार के बराबर: इलाहाबाद हाईकोर्टBy Roqaiya Bushri 6 min read | Sep 30, 2024
बुनियादी चुनौतियों के बीच क्या फास्ट ट्रैक कोर्ट दे पाती है जल्द न्याय?By Jyoti Kumari 5 min read | Sep 30, 2024
कैब ड्राइवर इंडिपेंडेंट कॉन्ट्रैक्टर्स, पॉश के तहत कार्रवाई नहीं कर सकते: ओला कंपनीBy Masoom Qamar 7 min read | Sep 30, 2024
‘मृत्युदंड’ से महिलाओं के खिलाफ़ बढ़ते यौन हिंसा की समस्या का समाधान नहीं हो सकताBy Malabika Dhar 7 min read | Sep 16, 2024
पिता को नहीं है स्त्रीधन वापस मांगने का अधिकार: सुप्रीम कोर्टBy Masoom Qamar 6 min read | Sep 13, 2024
महिला आपराधिकता में पितृसत्ता, सामाजिक और आर्थिक पहलुओं की भूमिकाBy Malabika Dhar 7 min read | Aug 19, 2024