मैं सबा हूँ। बचपन से मेरी पहली पसंद किताबें रहीं हैं। वर्तमान में समुदायों में बच्चों और औरतों के लिए पुस्तकालयों के माध्यम से किताबों तक पहुँच बनाने की कोशिश कर रही हूँ। दुनिया में अमन और हक़ों की बराबरी हो यही मेरा ख्व़ाब है। वंचित और हशियेकृत लोगों के बीच से जब उनकी अवाज़ों को सुनती हूँ तब मुझे लगता है कि उनकी अवाज़ों को सब तरफ़ सुना जाना चाहिए। मैं तमाम ज़िन्दगी विविध समुदायों कि ज़मीनी तहज़ीब को जानते जाना चाहती हूँ।