मैं सरला , मैंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक किया है और लखनऊ विश्वविद्यालय से परास्नातक कर रहीं हूं। मैं आजाद ख्यालों वाली लड़की हूं। समाज की कसौटी पर खरी नहीं उतरती। समाज में व्याप्त रूढ़ियों और विषमताओं को खत्म कर समाज में समानता लाना अपना कर्तव्य समझती हूं। हिंदी साहित्य में घोर दिलचस्पी है अपना खाली समय किताबों के साथ बिताती सौखियां कविताएं लिखती हूं।