Shraddha Upadhayay

2 POSTS 0 COMMENTS
Shraddha is a lawyer and Young India Fellow. She loves talking, writing and reading. Her interests include history, literature, cinema, culture and poetry. She writes, speaks and thinks bilingually. She's passionate about working on human rights, specifically Dalit and women's rights.ट्रेंडिंग
इन 15 महिलाओं ने भारतीय संविधान बनाने में दिया था अपना योगदान
Swati Singh - 1
संविधान सभा में हम उन प्रमुख पंद्रह महिला सदस्यों का योगदान आसानी से भुला चुके है या यों कहें कि हमने कभी इसे याद करने या तलाशने की जहमत नहीं की| तो आइये जानते है उन पन्द्रह भारतीय महिलाओं के बारे में जिन्होंने संविधान निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दिया है|
लैंगिक समानता : क्यों हमारे समाज के लिए बड़ी चुनौती है?
Roki Kumar - 4
गाँव हो या शहर व्यवहार से लेकर काम तक लैंगिक समानता हमारे समाज में मौजूद है, जो हमारे देश के लिए एजेंडा 2030 को पूरा करने में बड़ी चुनौती है|
भारत में स्त्री विमर्श और स्त्री संघर्ष: इतिहास के झरोखे से
भारत में स्त्री संघर्ष और स्त्री अधिकार के आन्दोलन को इसी रूप में स्वतंत्रता आन्दोलन के परिप्रेक्ष्य में देखने की आवश्यकता है|
पितृसत्ता का वास्ता ‘जेंडर’ से ज़्यादा ‘सोच’ से है, जो किसी की भी हो...
पितृसत्ता की ईमारत यानी की इसके पूरे ढांचे का सर्वोपरि पुरुष ही होता है, जो की सत्ता को बाँटकर और महिलाओं में आपस में ही फूट डलवाकर राज करना चाहता है।
उफ्फ! क्या है ये ‘नारीवादी सिद्धांत?’ आओ जाने!
Swati Singh - 1
नारीवाद के बारे में सभी ने सुना होगा। मगर यह है क्या? इसके दर्शन और सिद्धांत के बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं मालूम। इसे पूरी तरह जाने और समझे बिना नारीवाद पर कोई भी बहस या विमर्श बेमानी है। नव उदारवाद के बाद भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति आए बदलाव के बाद इन सिद्धांतों को जानना अब और भी जरूरी हो गया है।