Shraddha is a researcher, lawyer and Young India Fellow. She loves talking, writing and reading. Her interests include history, literature, politics, culture and poetry. She writes, speaks and thinks bilingually.
बात यहां सिर्फ साहित्यिक दुनिया की चुप्पी की नहीं है। बात है उस भीड़ की भी है जो एकदम स्तरहीन भाषा को अपना हथियार बनाकर सर्वाइवर की मोरल पोलिसिंग में जुटी है।
हिंदी साहित्य के छायावादी युग की प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित कवियत्री महादेवी वर्मा की गद्य एवं पद्य की रचनाओं से उनके व्यक्तित्व के दो पहलू देखने को मिलते हैं|
नारीवाद के बारे में सभी ने सुना होगा। मगर यह है क्या? इसके दर्शन और सिद्धांत के बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं मालूम। इसे पूरी तरह जाने और समझे बिना नारीवाद पर कोई भी बहस या विमर्श बेमानी है। नव उदारवाद के बाद भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति आए बदलाव के बाद इन सिद्धांतों को जानना अब और भी जरूरी हो गया है।