My name is Shreya. I am currently studying at JNU and am pursuing Bachelor's in the Korean language. Gender sensitive issues appeal to me and I love to convey the same through my writings.
संविधान सभा में हम उन प्रमुख पंद्रह महिला सदस्यों का योगदान आसानी से भुला चुके है या यों कहें कि हमने कभी इसे याद करने या तलाशने की जहमत नहीं की| तो आइये जानते है उन पन्द्रह भारतीय महिलाओं के बारे में जिन्होंने संविधान निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दिया है|
स्त्री की देह पर उसका अपना ही अधिकार नहीं है। उसकी देह पर धर्म, परिवार, बाज़ार, मीडिया और क़ानून का कब्जा है। हमारे समाज में स्त्री का शरीर उपनिवेश है और सत्ता, ताकत, राजनीति और अर्थतंत्र इसका इस्तेमाल करते हैं।
नारीवाद के बारे में सभी ने सुना होगा। मगर यह है क्या? इसके दर्शन और सिद्धांत के बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं मालूम। इसे पूरी तरह जाने और समझे बिना नारीवाद पर कोई भी बहस या विमर्श बेमानी है। नव उदारवाद के बाद भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति आए बदलाव के बाद इन सिद्धांतों को जानना अब और भी जरूरी हो गया है।