हमारे पितृसत्तात्मक समाज में किसी औरत का विधवा होना उसके लिए शायद सबसे बुरा सपना है। उसके जीवनसाथी की मौत हो जाना इसकी वजह नहीं है बल्कि असली वजह है इस पितृसत्तात्मक समाज द्वारा विधवाओं के लिए बनाए गए अमानवीय सिद्धांत। हमारा समाज वह समाज है जो एक पत्नी को “मेरा पति मेरा देवता है” रट लेने पर मजबूर करता है। भारत एक ऐसा देश है जहां पति की मृत्यु के बाद ए
महिला-विरोधी फिल्मों के बीच पितृसत्ता की बेड़ियां तोड़ती ‘द लास्ट कलर’
द लास्ट कलर बनारस में फिल्माई गई एक महिला केन्द्रित फिल्म है जो विधवाओं के साथ होने वाले अमानवीय बर्ताव के बारे में बात करने की पहल करती है।