Swati lives in Varanasi and has completed her B.A. in Sociology and M.A in Mass Communication and Journalism from Banaras Hindu University. She has completed her Post-Graduate Diploma course in Human Rights from the Indian Institute of Human Rights, New Delhi. She has also written her first Hindi book named 'Control Z'. She likes reading books, writing and blogging.
संविधान सभा में हम उन प्रमुख पंद्रह महिला सदस्यों का योगदान आसानी से भुला चुके है या यों कहें कि हमने कभी इसे याद करने या तलाशने की जहमत नहीं की| तो आइये जानते है उन पन्द्रह भारतीय महिलाओं के बारे में जिन्होंने संविधान निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दिया है|
अबॉर्शन करवाना एक महिला का मूलभूत अधिकार है और यह नारीवादी आंदोलन की एक प्रमुख मांग रही है। अनचाहे और असुरक्षित अबॉर्शन और गर्भधारण दोनों ही महिलाओं के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पितृसत्तात्मक समाज में जहां महिलाओं का अपने शरीर और प्रजनन पर कोई अधिकार नहीं है ऐसे में अनचाहे गर्भधारण महिलाओं के शोषण का एक और ज़रिया बन चुके हैं। राजनीतिक और सामाजिक प्रक्रियाओं में प्रभावी रूप से भाग लेने में सक्षम होने के लिए, महिलाओं के पास अपने शरीर पर नियंत्रण होना चाहिए।
नारीवाद के बारे में सभी ने सुना होगा। मगर यह है क्या? इसके दर्शन और सिद्धांत के बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं मालूम। इसे पूरी तरह जाने और समझे बिना नारीवाद पर कोई भी बहस या विमर्श बेमानी है। नव उदारवाद के बाद भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति आए बदलाव के बाद इन सिद्धांतों को जानना अब और भी जरूरी हो गया है।