क्यों नौकरी के लिए भी महिलाओं का समाज के अनुसार ‘खूबसूरत’ दिखना जरूरी है?By Rupam Mishra 6 min read | Jan 23, 2024
कैसे सेल्फी के जमाने में ‘सुंदर’ बनने का दबाव युवा लड़कियों का नुकसान कर रहे हैंBy Apurva Dubey 7 min read | Dec 21, 2023
क्रोनिक पेल्विक सिंड्रोम: बात महिलाओं की समस्याओं और चुनौतियों कीBy Apurva Dubey 6 min read | Nov 16, 2023
हमारे समाज में बॉडी शेमिंग जैसी हिंसा की कितनी सहज स्वीकार्यता हैBy Rupam Mishra 5 min read | Aug 25, 2023
महिलाओं में तनाव का कारण बनते पितृसत्तात्मक ब्यूटी स्टैंडर्ड्सBy Kanak Rani 6 min read | Aug 16, 2023
समाज और बाज़ार के बने-बनाए मानकों में जकड़ा स्त्री के रूप-रंग का प्रश्नBy Rupam Mishra 6 min read | Jan 31, 2023
महिला स्वास्थ्य पर शर्म से बढ़ती भ्रांतियां और जोखिम में महिलाएंBy Neha Kumari 4 min read | Sep 30, 2022
यूरोसेंट्रिक ब्यूटी स्टैंडर्डः रंगभेद, नस्लवाद और भेदभाव के आधार पर बने सुंदरता के पैमानेBy Pooja Rathi 4 min read | May 6, 2022
हमारा समाज योनि और स्तनों को हमेशा इतना सेक्सुअलाइज़ क्यों करता है?By Saumya Raj 4 min read | Mar 15, 2022
‘परफ़ेक्ट वजाइना’ के नाम पर फैला पितृसत्ता का बाज़ार और इससे जुड़े मिथ्य| नारीवादी चश्माBy Swati Singh 4 min read | Feb 21, 2022
कैसे बॉडी शेमिंग पर बचपन से मिली ट्रेनिंग को हम आत्मसात कर लेते हैंBy Deep Shikha 4 min read | Feb 16, 2022
टेपवर्म डाइट से लेकर फुट बाइडिंग : महिलाओं को ‘सुंदर’ बनाने के पितृसत्तात्मक तरीकों का इतिहासBy Malabika Dhar 6 min read | Jan 31, 2022