नए चेहरों के साथ वही पितृसत्तात्मक अधूरी प्रेमकहानी दिखाती है फिल्म सैयाराBy Sonali Rai 7 min read | Jul 29, 2025
मेट्रो इन दिनों: प्रेम, उलझन और उम्मीद की वापसी दिखाती एक औसत फिल्मBy Sonali Rai 6 min read | Jul 21, 2025
सितारे ज़मीन पर: संवेदनशीलता से बुनी गई एक सरल लेकिन असरदार फिल्मBy Sonali Rai 6 min read | Jul 4, 2025
सवर्ण नजरिए से ‘जातिवाद’ को दिखाती बॉलीवुड को क्यों बदलने की जरूरत है?By Sonali Rai 5 min read | Jun 5, 2025
पितृसत्तात्मक व्यवस्था की पड़ताल करती फिल्म ‘कोर्ट: स्टेट वर्सेस अ नोबडी’By Sonali Rai 7 min read | May 27, 2025
‘फुले’: जाति और जेंडर आधारित अन्याय के ख़िलाफ़ एक ज़रूरी सिनेमाई दस्तावेज़By Sonali Rai 7 min read | May 7, 2025
‘एडोलसेंस’: डिजिटल युग में किशोरों में बढ़ते स्त्रीद्वेष पर बात करती ज़रूरी सीरीज़By Sonali Rai 8 min read | Apr 1, 2025