महिला नेतृत्व से बढ़ा मुनाफा, फिर भी भारतीय कंपनियां समावेशन में पीछे क्यों?By Savita Chauhan 7 min read | Jul 23, 2025
आर्थिक हिंसा: महिलाओं की आज़ादी को नियंत्रित करने का पितृसत्तात्मक तरीकाBy Roqaiya Bushri 8 min read | Jul 18, 2025
ओडिशा में यौन हिंसा के विरोध में छात्रा की मौत न्यायिक और संस्थागत व्यवस्था पर सवाल उठाता हैBy Savita Chauhan 7 min read | Jul 16, 2025
‘रानी पद्मिनी’: पितृसत्ता के खिलाफ दो महिलाओं के सफर की कहानीBy Sahil Firoz 6 min read | Jul 15, 2025
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला: ट्रांस महिला भी ‘महिला’ हैBy Masoom Qamar 7 min read | Jul 14, 2025
कांगड़ा के चाय बागानों में काम करती दलित महिलाओं का अनदेखा संघर्ष By Savita Chauhan 7 min read | Jul 7, 2025
भारतीय मेनस्ट्रीम सिनेमा में सांस्कृतिक विविधता की समस्यात्मक पेशकशBy Sahil Firoz 7 min read | Jul 3, 2025
इको-फासिज़्म: प्रकृति की आड़ में जातिवाद, नस्लवाद और बेदखली की राजनीतिBy Savita Chauhan 9 min read | Jun 17, 2025
पाक कला व्यवसाय में पुरुषों का वर्चस्व तो फिर घर में खाना बनाने में क्यों पीछेBy Khadeeja Tahera 5 min read | Feb 26, 2025
नाबालिग लड़की के अंतःवस्त्र उतारना और उसके सामने नग्न होना ‘बलात्कार करने का प्रयास’ नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट By Malabika Dhar 7 min read | Jun 14, 2024
स्त्रियों के नाचने को लेकर पूर्वाग्रहों और कुंठाओं से ग्रस्त पुरुषों की दुनियाBy Rupam Mishra 6 min read | Nov 1, 2023
पितृसत्ता के वे अदृश्य रूप जो शामिल हैं हमारे रोज़मर्रा के जीवन मेंBy Pooja Rathi 6 min read | Oct 19, 2022
पितृसत्ता का गढ़ा गया नैरेटिव ‘औरतें खराब ड्राइवर होती हैं’By Sucheta Chaurasia 4 min read | Sep 20, 2021