समाजकानून और नीति दहेज प्रतिबंध अधिनियम | #LawExplainers

दहेज प्रतिबंध अधिनियम | #LawExplainers

यह अधिनियम विवाह के समय, दोनों पक्षों पर, दहेज देने या लेने की प्रथा पर रोक लगाता हैl यह क़ानून दहेज की माँग करने और विज्ञापन देने पर भी दण्डित करता हैl
Editor’s note: #LawExplainers is a series by FII and Nyaaya, which explores laws on women, children and marginalised groups and explains them in a simple and accessible language in both English and Hindi. 

यह क़ानून किस बारे में है?

  • यह अधिनियम विवाह के समय, दोनों पक्षों पर, दहेज देने या लेने की प्रथा पर रोक लगाता हैl यह क़ानून दहेज की माँग करने और विज्ञापन देने पर भी दण्डित करता हैl
  • दहेज से जुड़े गंभीर अपराध जैसे दहेज-मृत्यु और दहेज से जुड़ी क्रूरता भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय हैंl
  • यह क़ानून विवाह पक्षों को उपहारों की एक सूची बनाने के लिए कर्तव्यबद्ध करता हैl
  • इसके बावजूद भी यदि किसी शादी में दहेज का आदान प्रदान हुआ है, तो यह क़ानून आदेश देता है कि जिस व्यक्ति को दहेज मिला है, उसे वह वधू को देना होगा I

दहेज प्रथा निषेध अधिनियम-यह कानून दहेज लेने और दहेज देने दोनों ही चिज़ों को रोकने के लिए बनाया गया है।और साथ ही साथ दहेज लेना और दहेज देना ये दोनों ही इस कानून के तहत अपराध है।यदि कोई व्यक्ति जो दहेज देता है या फिर दहेज की मांग करता है या दहेज लेता है वो इस कानून के तहत अपराध करता है।

दहेज क्या हैकिसके द्वारा दिया जाता हैकिसको दिया जाता है
धन और संपत्ति सहित कोई भी मूल्यवान वस्तुदुल्हन/ दूल्हा उनके माता पिता या कोई औरदुल्हन या दूल्हा,उनके माता-पिता या कोई और
  • दहेज, शादी के संबंध में किसी भी समय दिया जा सकता है
  • मुसलमानों के निजी कानूनों के अनुसार, निकाह के दौरान, वधू को वर पक्ष की ओर से धन या संपत्ति दी जाती है, जिसकी वह हक़दार है । इसे मेहर कहते हैं और इसे दहेज की परिभाषा में शामिल नहीं किया गया है।
  • दहेज के लिए एक समझौता दंडनीय है, भले ही असली दहेज का भुगतान न हो।

दहेज लेने या देने पर क्या सज़ा निर्धारित की गई है?

किसे दंडित किया जा सकता हैजेल की अवधिजुर्मानाअपवाद
कोई भी व्यक्ति जो दहेज देता है या लेता हैकोई भी व्यक्ति जो दहेज देने या लेने में किसी की सहायता करता हैकम से कम 5 वर्ष

उदाहरण:

राज और सिमरन शादी कर रहे हैंI सिमरन के पिता;सीतापति ने राज के पिता राजा भोज को दहेज के रूप में 10 लाख रुपये और एक गाड़ी भेंट कीIसीतापति और राजा भोज दोनों को 5 साल तक के लिए कारावास की सज़ा दी जा सकती है| साथ ही उन्हें 10 लाख रूपये और गाड़ी का मूल्य भी जुर्माने के तौर पर देने को कहा जाएगा I

क्या शादी के समय उपहार देना भी जुर्म है?

  • शादी में वर/वधू पक्ष द्वारा तोहफे या उपहार देना दंडनीय नहीं है, यदि यह स्वेच्छा से किया गया हो |
  • नियमों के अनुसार उपहारों को एक सूची में दर्ज़ किया जाना चाहिए (दहेज निषेध नियमावली के नियम २ के अनुसार)|
  • वधू पक्ष की ओर से उपहार, रिवाज़ और व्यक्ति की वित्तीय क्षमता को ध्यान में रख कर दिया जाना चाहिए |

दहेज की माँग करने पर क्या सज़ा दी जाती है?

किसे दण्डित किया जा सकता हैजेल की अवधिजुर्मानाअपवाद
कोई भी व्यक्ति जो वर या वधू पक्ष से दहेज की माँग करता है6 महीने से 2 साल के बीच10,000 रूपए तक

उदाहरण:

शादी के दिन, राजा भोज (लड़के के पिता) ने सुपंदी (जिसने रिश्ता करवायाहै) द्वारा सीतापति (लड़की के पिता) को कहलवाया कि यदि 10 लाख रूपए का इंतज़ाम नहीं हो पाया तो वह यह शादी नहीं होने देंगेI ऐसी परिस्थिति में सीतापति पुलिस स्टेशन जाकर राजा भोज और सुपंदी, दोनों के खिलाफ़ दहेज माँगने की शिकायत को दर्ज़ करवा सकते हैं|

दहेज के लिए विज्ञापन देने की क्या सज़ा तय की गई है?

कारावास की अवधिजुर्मानाअपवाद
-ऐसा कोई भी व्यक्ति जो अपने बेटे या बेटी या सम्बन्धीसे शादी करने के लिए , संपत्ति या व्यापार में हिस्सा देने का इश्तहार देता है-ऐसा कोई भी व्यक्ति जो इस प्रकार के इश्तहार प्रकाशित करता है6 महीने– 5 साल

उदाहरण:

सीतापति अखबार में इश्तहार छपवाता है कि उसकी बेटी से शादी करने पर वह अपनी जायदाद का आधा हिस्सा वर के नाम कर देगा; ऐसी परिस्थिति में सीतापति और अखबार के प्रकाशक, दोनों को इस क़ानून के तहत दण्डित किया जा सकता हैl

क्या दहेज लेने या देने के लिए किया गया समझौता वैध है?

नहीं, ऐसा कोई भी समझौता जिसमें दहेज के आदान-प्रदान की बात की गई हो वह अवैध है l यदि सीतापति दहेज देने से इनकार करता है तो राजा भोज इसके खिलाफ शिकायत नहीं कर सकते भले ही उनका इस बारे में पहले कोई समझौता हुआ हो l क़ानून इस प्रकार के समझौतों को अवैध करार देता हैl

शादी के समय दिया गया दहेज किसे मिलना चाहिए?

यदि शादी के दौरान या उसके पश्चात दहेज का आदान-प्रदान हुआ है तो इस क़ानून के तहत, जिसने दहेज लिया है, उसे वह संपत्ति वधू को देनी होगी l

उदाहरण:

२० अगस्त को राज और सिमरन की शादी हुई, सिमरन के पिता ने दहेज के रूप में एक गाड़ी राज के चाचा अमन को भेंट कीl अमन को वह गाड़ी सिमरन को देनी होगी l यदि संपत्ति को शादी होने से पहले स्वीकार किया गया है तो शादी से तीन महीने पूरे होने तक(२० नवंबर तक) अमन को वह संपत्ति सिमरन को देनी होगी l

  • यदि सम्पति का आदान-प्रदान शादी के दिन या उसके पश्चात हुआ है, तो वह संपत्ति सिमरन को देने के लिए अमन के पास तीन महीने तक का समय है (उस दिन से जिस दिन अमन ने संपत्ति को स्वीकार किया था) l
  • यदि शादी के समय सिमरन की आयु १८ वर्ष से कम है, तो सिमरन के बालिग होने के तीन महीने के अन्दर अमन को वह गाड़ी सिमरन को देनी होगी, तब तक अमन उसकी देख-रेख कर सकता है l

वधू को दहेज न सौंपने की क्या सज़ा तय की गयी है?

यदि तय समय सीमा के अन्दर अमन गाड़ी सिमरन के हवाले नहीं करता है तो उसे ६ महीने से ले कर २ साल तक के लिए जेल भेजा जा सकता है, साथ ही 5000-10000 रूपए का जुर्माना भी देना पड़ सकता है l

  • यदि किसी कारणवश अमन के गाड़ी सौंपने से पहले सिमरन की मृत्यु हो जाती है तो सिमरन के उत्तराधिकारी अमन से वह गाड़ी ले सकते हैं l
  • यदि शादी के सात साल के अन्दर, अप्राकृतिक कारणों की वजह से सिमरन की मृत्यु हो जाती है तो वह सम्पति उसके बच्चों को स्थानांतरित कर दी जाएगी l यदि सिमरन की कोई औलाद नहीं है तो उसके माता-पिता उस संपत्ति के हक़दार होंगे l
  • यदि इन सब मौकों के बाद भी अमन सिमरन को गाड़ी नहीं सौंपता है, और उसके खिलाफ़ केस किये जाने पर वह दोषी पाया जाता है, और यह कार्यवाही होने के बावजूद यदि अमन ने वह गाड़ी सिमरन के बच्चों/माता-पिता को नहीं लौटाई, तो अदालत अमन को निश्चित समय सीमा में वह गाड़ी लौटाने का आदेश देगी l यदि वह फिर भी वह गाड़ी लौटाने में असफ़ल होता है तो अदालत वह राशि जुर्माने के तौर पर वसूल करेगी l

दहेज के मामलों पर किन अदालतों में सुनवाई हो सकती है?

इस कानून के तहत दहेज के अपराध के मामलों का विचारण निम्नलिखित न्यायालयों में हो सकता है:-

  • महानगर मजिस्ट्रेट (अधिक जनसँख्या वाले शहरी क्षेत्र)
  • प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट
  • कोई उच्च न्यायलय (जैसे कि सेशन न्यायालय)

इस क़ानून के तहत केस अदालत तक कैसे आता है?

अदालत में न्यायिक प्रक्रिया तब शुरू होती है जब उसे इस कानून के तहत अपराध घटित होने की सूचना प्राप्त होती है–

  • जज की जानकारी से
  • पुलिस के चालान पेश करने पर
  • पीड़ित या उसके रिश्तेदार द्वारा की गई निजी शिकायत
  • सरकार द्वारा चिन्हित सामाजिक संस्था द्वारा की गयी शिकायत |

इस कानून के बारे मैं अधिक जानकारी के लिए अंग्रेजी मैं, यह सरल स्पष्टीकरण पढ़ें

Leave a Reply

संबंधित लेख

Skip to content