मेरा नाम ज्योति कुमारी है। मैं हिंदी साहित्य की छात्रा हूँ। सामाजिक रूढ़िवाद, भेदभाव और लैंगिग असामनता पर खूब लिखना और सीखना चाहती हूँ। इस विषय पर बात करने में रूचि रखती हूँ। साथ ही अपनी लेखनी के माध्यम से अपने गांव समाज की हर एक वर्ग की आवाज़ बनना चाहती हूँ जिन्हें सदियों से बोलने का मौका नहीं दिया गया है।