दिल्ली से हैदराबाद : यौन हिंसा की घटनाएँ और सोशल मीडिया की चिंताजनक भूमिका
आईपीसी सेक्शन 228-A के अनुसार, पीड़ित की पहचान का खुलासा करना दंडनीय अपराध है। इसके बावजूद यौन हिंसा की खबरों को किसी ‘सनसनी’ की तरह प्रकाशित की जाती है।
मी लॉर्ड ! अब हम गैरबराबरी के खिलाफ किसका दरवाज़ा खटखटाएं – ‘सबरीमाला स्पेशल’
सबरीमाला पर एक कड़ा फैसला दे चुका सुप्रीम कोर्ट इस बार यह फैसला नहीं ले पाया कि सबरीमाला मंदिर की प्रथा की नींव पितृसत्ता की बुनियाद पर ही टिकी हुई है।
थर्ड जेंडर से जुड़ी ये बातें बहुत कम लोग जानते हैं
पूरे हिजड़े समुदाय को सामाजिक संरचना की दृष्टि से सात समाज या घरानों में बांटा जा सकता है, हर घराने के मुखिया को नायक कहा जाता है|
अंग्रेजी भाषा में क्यों सिमटी हैं ‘यौनिकता’?
दुर्भाग्यवश यौनिकता पर ज़्यादातर सामग्री अंग्रेज़ी में ही मिलती है और हमें अपनी भाषा में उसे जानने समझने के लिए अनुवाद पर निर्भर होना पड़ता है।
‘शोभा नहीं देता इतना बड़ा पेट फूलाकर किसी के सामने आना’ कहने वाले जरुर...
प्रिया मलिक ने हाल ही में बंग स्टूडियो और द दिल्ली न्यू कंपनी के माध्यम से भारतीय पारंपरिक पोशाक में अपनी गर्भावस्था का फोटोशूट करवाया| यह फोटोशूट हिंदू धर्म की तीन देवी – लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा पर आधारित था|
गर्भनिरोध के ऐसे तरीके, जिनसे आप हैं बेखबर
ऐसे बहुत से अन्य गर्भनिरोधक तरीके हैं, जिनके बारे में शहरी क्षेत्रों में भी जागरूकता सीमित है। आइए जानते हैं कि बर्थ कंट्रोल के अन्य तरीके क्या हैं|
औरत के ‘ओर्गेज्म’ की बात पर हम मुंह क्यों चुराते हैं?
कई ऐसे रिसर्च बताते हैं कि 62 फीसद महिलाओं को ओर्गेज्म मास्टरबेशन के वक्त आता है। ओर्गेज्म भी दूसरे सामान्य और प्राकृतिक प्रक्रियाओं का ही एक हिस्सा है। स्वास्थ्य पर इसका सीधा असर है।
चुनावी मौसम में उनलोगों की बात जो इसबार मतदान नहीं कर पायेंगें
बेघर और वंचित तबकों मतदान के अधिकार से दूर होना न केवल शासन की बल्कि हमारे समाज, देश और विचारधारा की विफलता को दिखाता है|
गांधी के बहाने सच के प्रयोगों की बात
गेराल्डाइन फोर्ब्स लिखती हैं कि यूरोप की नज़र में भारत एक अत्यंत पिछ्ड़ा हुआ देश था क्योंकि यहाँ की स्त्रियों की दुर्दशा जैसी दुनिया में कहीं नहीं थी।
पीरियड से जुड़ी एक खौफनाक प्रथा ‘छौपदी’
नेपाल में पीरियड के दौरान लड़की को घर के बाहर झोपड़ी में या पशुओं के बाड़े में रहने पर मजबूर होना पड़ता है, इस प्रथा को छौपदी कहा जाता है|