ऑफलाइन और ऑनलाइन लैंगिक हिंसा | #AbBolnaHoga
ऑफलाइन और ऑनलाइन लैंगिक हिंसा पर आधारित #AbBolnaHoga अभियान क्या है ?
ऑफलाइन और ऑनलाइन लैंगिक हिंसा पर केंद्रित अभियान #AbBolnaHoga फेमिनिज़म इन इंडिया हिंदी की तरफ़ से शुरू किया गया एक अभियान है जिसका मुख्य उद्देश्य लैंगिक हिंसा से जुड़े अलग-अलग पहलुओं पर हिंदी भाषा में लोगों तक जानकारी पहुंचाना और उन्हें जागरूक करना है।
लैंगिक हिंसा अलग-अलग रूप में हमारे सामने मौजूद है लेकिन इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को होती है। लैंगिक हिंसा क्या है, इसके कितने रूप है, इसके ख़िलाफ हम कैसे आवाज़ उठा सकते हैं ये जानकारी अधिकतर हमें अंग्रेज़ी भाषा में देखने को मिलती है क्योंकि हिंदी भाषा में लैंगिक हिंसा पर बेहद सीमित जानकारी उपलब्ध है।
इस अभियान के ज़रिए हम अधिक से अधिक लोगों तक लैंगिक हिंसा से जुड़ी जानकारी आसान और स्पष्ट भाषा में पहुंचाना चाहते हैं। इस अभियान में हम लेख, पोस्टर, वीडियो जैसे अलग-अलग माध्यमों के ज़रिए लोगों को लैंगिक हिंसा के मुद्दों से अवगत कराना चाहते हैं।
इस अभियान के तहत हम क्या कर रहे हैं ?
फेमिनिज़म इन इंडिया ने ऑफलाइन और ऑनलाइन लैंगिक हिंसा के अपने इस अभियान #AbBolnaHoga की शुरुआत 3 अगस्त 2020 से की है। इस अभियान के तहत अब तक हमने अपने अपने लेख, वीडियो और पोस्टर्स के ज़रिए ऑनलाइन और ऑफलाइन लैंगिक हिंसा पर लोगों के अंदर बुनियादी समझ विकसित करने की कोशिश की है जो हमारी वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं।
आप इस अभियान से कैसे जुड़ सकते हैं ?
फेमिनिज़म इन इंडिया अपने इस अभियान में अपने पाठकों की भागीदारी भी सुनिश्चित करना चाहता है। अगर आप भी लैंगिक हिंसा पर अपने विचार हमारे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें निम्नलिखित मुद्दों पर अपने विचार लिखकर भेज सकते हैं :
- कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बढ़े घरेलू हिंसा के मामले
- जाति, वर्ग, धर्म से जुड़ी जेंडर आधारित हिंसा
- सेक्सुअल ओरिएंटेशन से जुड़ी जेंडर आधारित हिंसा
- फिल्म औऱ वेबसीरीज़ के ज़रिए जेंडर आधारित हिंसा का सामान्यीकरण
- कार्यस्थल, कैंपस और घर पर होने वाली यौन हिंसा और भेदभाव
- बच्चों के साथ होने वाली यौन हिंसा
- बलात्कार
- सांस्कृतिक आधार पर होने वाली जेंडर हिंसा मसलन दहेज उत्पीड़न/ हत्या, बाल विवाह, फीमेल जेनाइटल म्यूटिलेशन (FGM)
- संघर्ष क्षेत्रों में रेप का एक हथियार के रूप में इस्तेमाल
- बदला लेने की प्रवृत्ति से की गई हिंसा. मसलन- एसिड अटैक
- ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स/ सोशल मीडिया पर हिंसा, रेप आदि की धमकी देना
अगर आप ऊपर दिए गए मुद्दों के अतिरिक्त किसी अन्य मुद्दे पर लिखना चाहते हैं तो बेझिझिक हमें लिखकर भेजें। आप अपने लेख हमें hindi@feminisminindia.com पर लिखकर भेज सकते हैं। लेख भेजने की अंतिम तारीख 15 अक्टूबर 2020 है।
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