साल 2021 भारतीय खेल प्रेमियों के लिए खाफी रोमांचित रहा। टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर देश को गौरवांवित किया। टोक्यो ओलंपिक में करीबन 49 फीसदी महिला खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। धीरे-धीरे महिला खिलाड़ी एक पुरुष प्रधान क्षेत्र में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो रही हैं। भारत ने भी अपना ओलिंपिक्स का अब तक का सबसे बड़ा खेमा भेजा था। जिसमें महिला खिलाड़ियों की भागीदारी प्रशंसनीय थी। आइए पढ़ते हैं उन महिला खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने अपने प्रदर्शन से 2021 को यादगार बनाया और कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं।
1- वंदना कटारिया
वंदना कटारिया भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी हैं और जिन्होंने ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया। वंदना कटारिया ने टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम के शानदार प्रदर्शन में एक अहम भूमिका निभाई है। ओलंपिक में हैट्रिक लगाने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने ये गोल साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में किए थे जिसमें भारत ने 4-3 से जीत हासिल की थी।
2- अवनि लेखरा
अवनि लेखरा पैरालंपिक निशानेबाज हैं। टोक्यो पेरालंपिक्स 20 वर्षीय अवनि का पहला पैरालंपिक्स था जिसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। अवनि ने 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता और 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा में कांस्य पदक भी अपने नाम किया। पैरालंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला हैं, साथ ही पैरालंपिक खेलों के एक ही चरण में कई पदक जीतने वाली देश की दूसरी खिलाड़ी हैं। हाल में उन्हें राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2021 समारोह में ‘मेजर ध्यानचंद पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है।
3- भाविनाबेन पटेल
भारत की पैरा पैडलर भाविनाबेन पटेल पैरालंपिक में मेडल जीतनेवाली पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बनी। उन्होंने टेबल टेनिस में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा है। पैरालंपिक्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। उनकी इस उपलब्धि के लिए साल 2021 राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह में उन्हें ‘अर्जुन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है।
4- प्रिया मलिक
प्रिया मलिक भारतीय रेसलर हैं। प्रिया ने 2021 में हंगरी के बुडापेस्ट में हुए विश्व कैडेट कुश्ती चैम्पियनशिप में 73 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। साल 2020 में नेशनल स्कूल गेम्स मे गोल्ड जीता था।
5- तन्नु मलिक
भारतीय रेसलर तन्नु मलिक हरियाणा के गाँव मोखरा की निवासी हैं। 2021 में हंगरी के बुडापेस्ट में विश्व कैडेट कुश्ती चैम्पियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने यह कारनामा 43 किलो भार वर्ग में किया।
6- मीराबाई चानू
पद्मश्री साइखोम मीराबाई चानू, एक भारतीय वेटलिफ्टर हैं। टोक्यो ओलंपिक्स में मीराबाई चानू ने खाता खोलकर देश को पहला मेडल दिया था। उन्होंने वेटलिफ्टिंग में 49 किलोग्राम भार वर्ग में भारत को रजत पदक दिलाया था। साल 2016 रियो ओलंपिक के ‘डिड नॉट फिनिश’ से 2020 टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने तक का उनका सफर प्रेरणादायक है।
7- पीवी सिंधु
पुसरला वेंकट सिंधु यानि पीवी सिंधु के नाम से सब वाकिफ हैं। वह एक भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। भारत को कई पदक देनेवाली सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कर भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। इसके साथ ही भारत के लिए ओलंपिक में एक से अधिक पदक जीतने वाली वह दूसरी भारतीय खिलाड़ी और पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं।
8- लवलीना बोरगोहेन
लवलीना बोरगोहेन भारतीय बॉक्सर हैं। टोक्यो ओलंपिक में लवलीना ने कास्य पदक भारत के नाम किया था। बाक्सिंग में भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतनेवाली वह तीसरी खिलाड़ी हैं। टोक्यो ओलंपिक लवलीना का पहला ओलंपिक था जिसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। 2021 राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह में लवलीना को ‘मेजर ध्यानचंद पुरस्कार’ से नवाजा गया है।
9- भवानी देवी
भवानी देवी भारतीय तलवारबाज़ (फेंसर) हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाई कर इतिहास रचा है। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय तलवारबाज़ है। उन्होंने अपना डेब्यू मैच भी एकतरफा जीता था। हालांकि वह भारत के लिए पदक जीतने में असफल रही परंतु उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। 2021 राष्ट्रीय खेल समारोह में उन्हें इस उपलब्धि के लिए ‘अर्जुन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है।
10- अदिति अशोक
अदिति अशोक भारतीय गोल्फ़र है। 2016 में रियो ओलंपिक में भाग लेने वाली वह सबसे कम उम्र की गोल्फ़र थी। टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने भारतीय दर्शकों को गोल्फ से जोड़े रखा। टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाले तीन गोल्फ़र खिलाड़ियों में एक अदिति थी जो टूर्नामेंट में लगातार दूसरे स्थान पर काफी समय तक बनी रही। अपनी प्रतिभा के दम पर अदिति भारत में गोल्फ जैसे कम पसंद किए जाने वाले खेल से भारतीयों को जोड़ने में सफल रहीं। अदिति पदक जीतने में नाकाम रही लेकिन उन्होंने चौथे स्थान पर रहकर टूर्नामेंट समाप्त किया।
11- कमलप्रीत कौर
कमलप्रीत कौर भारतीय एथलीट हैं। साल की शुरुआत में 65.06 मीटर थ्रो के साथ कमलप्रीत ने डिस्कस थ्रो में महिलाओं के लिए खेल में एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और टोक्यो ओलंपिक के लिए सीधे क्वालीफाई किया। टोक्यो ओलंपिक में आपने शानदार प्रदर्शन से वह फाइनल में जगह बनाने में सफल रही थीं। 63.70 मीटर थ्रो के साथ वह छठे स्थान पर रहीं और पदक से चूक गई। लेकिन उनका यह प्रदर्शन डिस्कस थ्रो में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
12- सविता पुनिया
सविता पुनिया भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी हैं। वह टीम में गोलकीपर हैं। टोक्यो ओलंपिक में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के चलते इन्हें अब ‘ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया’ के नाम से भी जाना जाता है। आस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने 7 पेनल्टी कॉर्नर और डिफेंडर के साथ मिलकर 14 काउंटर अटैक नाकाम किए थे। भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए चौथे स्थान पर रहकर टूर्नामेंट समाप्त किया था।
नोट : यह सूची अपने आप में संपूर्ण नहीं हैं। ऐसी कई और होनहार महिला खिलाड़ी हमारे देश में मौजूद हैं जो लगातार अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं।