कोई भी विचार या सिद्धांत हर समाज में एक तरह से लागू हो, ऐसा ज़रूरी नहीं है| सरल शब्दों में कहा जाए तो किसी भी बीज को बोने के लिए उसके अनुसार ज़मीन बनाना बेहद ज़रूरी होता है, वरना बीज से होने वाले फल में जमीन का प्रभाव साफ़तौर पर दिखाई देने लगता है| इसी तर्ज पर, नारीवादी आंदोलन जब एडॉल्फ हिटलर के चरमपंथी नाजी शासन में पहुंचा तो इनदोनों के समीकरण का जो फल या यों कहें कि सिद्दांत सामने आया वो ‘फैमिनाज़ी’ कहलाया, जो कि लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए ‘उग्र’ रूप का समर्थन करता है| इससे सीधे तौर पर महिलाओं पर पुरुषों के वर्चस्व को बढ़ावा दिया गया, जो दुर्व्यवहारिक, दुरुपयोग और सामूहिक हत्या के वैधीकरण को जन्म देते हुए लगातार कायम सत्ता-संघर्ष को दिखाता है|
अब सवाल ये है कि आखिरकार ‘फैमिनाज़ी’ शब्द की उत्पति किन मूल्यों के साथ हुई? अगर हम बात करें नाज़ी शासन की तो हम ये पाते है कि नाज़ी शासन क्रूर अज्ञानी मुक्ति आंदोलन से जुड़ा हुआ है| ऐसे में वे अपने लिए पहला दुश्मन यहूदियों को मानते है जिन्हें वे नस्लीय तौर पर एकरूप नहीं पाते है| उन्होंने केवल अपनी जाति को सुरक्षा देने के लिए यहूदी आबादी के खिलाफ विरोधी-सेमेटिक कानून लागू कर स्थाई और मोबाइल गैस कक्षों में मार डाला|
लैंगिकता का ‘शुद्धता कोड’
नाजियों में लैंगिकता के मुद्दे पर गर्व के साथ शुद्धता और विषमता कायम रखने के लिए सख्त कोड रखा गया था| नतीजतन समलैंगिक व्यवहार करने वाले लोग उनके इस सांचे में फिट नहीं होते और उन्हें खतरा मान लिया गया, जिसके चलते उन्हें कई सामूहिक हत्या में खत्म कर दिया गया| वहीं दूसरी तरफ, औरतों को ‘स्त्रीत्व’ और मर्दों को ‘मर्दाना’ व्यवहार का पालन करने के लिए भी सख्ती बरती गयी| इस तरह हिटलर की जातिवाद, समलैंगिकतावादी और मानवीय विचारधारा एक ऐसे आंदोलन से ताल्लुक रखती है जो आज भी दुनिया के तमाम लोगों को आज़ाद करने का तरफदार है जो दुनिया में पीड़ित है|
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फैमिनाज़ी की परिभाषा क्या है?
रश लिंबॉफ ने अपनी पुस्तक ‘द वे थिंग्स अूउट टू बी’ (जिसके मूल को अकादमिक थॉमस हैजलेट का बताया जाता है) में फैमिनाज़ी को परिभाषित करते हुए यह कहा गया है कि फैमिनाज़ी एक नारीवाद है, जो महिला के प्रजनन पसंद को वरीयता देता है, जिसमें यह माना जाता है कि महिला अपने अनुसार जितने चाहे गर्भपात करवा सकती है| यहाँ हिटलर की यहूदी विरोधी कठोरता साफ़तौर पर देखी जा सकती है जो गैस कक्षों में लाखों यहूदियों की मौत का अनुवाद करता है।
महिला हित की खोल में ये शब्द सीधे तौर पर महिला और जेंडर के मुद्दों का विरोधी है|
फैमिनाज़ी का पहला इस्तेमाल
फैमिनाज़ी का सोशल मीडिया पर पहली बार इस्तेमाल आधिकारिक अधिकार पंथ के आंकड़ों से शुरू किया गया, जहाँ उन्होंने इसका इस्तेमाल अपनी बातों को सही ठहराने के लिए किया जिससे इस शब्द के ‘उग्र’ मूलअर्थ को भांपा जा सकता है| हालांकि साल 2015 में, एक बैरिस्टर शेर्लोट प्राउडमन ने शहर के एक वरिष्ठ वकील का यौन-संबंध उजागर किया, जिसे डेली मेल की तरफ ‘फैमिनाज़ी बैरिष्टर’ कहकर संबोधित किया गया और इसके बाद इस शब्द के इस्तेमाल को ऑनलाइन अपमान से ऑफ़लाइन मीडिया की मुख्यधारा के संक्रमण के रूप में चिह्नित किया गया।
फैमिनाज़ी जैसे शब्द का अचानक से लोकप्रिय होना ‘नाज़ी के व्याकरण’ वाली वो अलार्म घंटी है जहाँ वे लोग गर्व महसूस कर रहे है जिनका ताल्लुक यहूदियों के नरसंहार से है| साथ ही, इससे नाजी शासन के आतंक की भयावहता की अज्ञानता का इस्तेमाल अनियंत्रित और असंवेदनशील रूप से किया जा रहा है।
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गूगल में फैमिनाज़ी
ऐसे में यहाँ समस्या ये है कि सालों से इस शब्द का इस्तेमाल बेहद ही सामान्य तरीके से किया जा रहा है| जैसे जब आप गूगल में फैमिनाज़ी शब्द का अर्थ तलाशते है तो आप नीचे लिखी लिंक में इस परिभाषा को सबसे पहले पायेंगें कि –
‘फैमिनाज़ी एक नारीवाद नहीं है| नारीवादी समान अधिकार पर विश्वास करते है, वहीं फैमिनाज़ी हमें बेवकूफ दिखाने पर विश्वास करते है| फैमिनाज़ी यह मानता है कि हर मर्द बेवकूफ है, ब्रा पहनना दमन का चिन्ह है, पैरों के बाल साफ़ करना ये दिखाता है कि हम मर्दों को खुद की तरफ आकर्षित करने की कोशिश करते है और हर वो गाना जिसमें लड़की का जिक्र किया जाता है वो बलात्कार का समर्थन करता है|’
‘क्रूर और अनैतिहासिक है फैमिनाज़ी’ – ग्लोरिया स्टाइनम
ग्लोरिया स्टाइनम, जो की एक स्त्रीविज्ञानी लिबाघ में से एक फैमिनाज़ी कहलाती थी, उन्होंने इस शब्द को ‘क्रूर और अनैतिहासिक’ कहकर इसकी आलोचना की है| वे कहती है कि ‘हिटलर जर्मनी में मजबूत नारीवादी आंदोलन के खिलाफ सत्ता में आया, परिवार नियोजन के केन्द्रों पर टाला लगवा दिया और गर्भपात को राज्य के खिलाफ अपराध घोषित कर दिया- और ये सभी रश लिंबाफ के करीब है|
अक्सर नारीवादियों के खिलाफ या यों कहें कि एक गाली एक तौर पर ‘फैमिनाज़ी’ का शब्द का इस्तेमाल किया जाता है|
गौरतलब है कि आखिर किस तरह एक शब्द से लाखों लोगों का नरसंहार और पितृसत्ता को खत्म करने के लिए किये जा रहे प्रयासों का दमन सामान्य हो जाता है| एक नारीवादी के रूप में खुद को फैमिनाज़ी कहलवाना सीधे तौर पर रुढ़िवादी और दुर्व्यवहार को दिखाता है| फैमिनाज़ी सरल शब्दों में स्त्री द्वेष को दिखाता है| शार्लट प्राउडमन ने एक लेख में लिखा है कि फैमिनाज़ी कहलाने के लिए महिलाओं को उग्र होने की ज़रूरत नहीं है| उन्हें सरलता से यौन-असमानता को चुनौती देना चाहिए|
फैमिनाज़ी केवल एक शब्द है जिसका इस्तेमाल अलग-अलग सामाजिक पदानुक्रमों में सत्ता के असमान और उच्च पितृसत्तागत वितरण के हालात को बनाए रखने के लिए किया जाता है। यह सीआईएस, विषमलैंगिक पुरुषों के हितों में निहित है, जो धमकी के माध्यम से और अतिसंवेदनशीलता के आकलन के माध्यम से महिलाओं को नियंत्रित करने की तलाश में है|
नारीवादियों ने अपने संघर्ष को कम से कम किया है और ‘नाराज़ ब्रा-जालने वाली महिला’ से (जैसा कि शहरी शब्दकोश की परिभाषा से दोहराया गया है) फैमिनाज़ी के लेबल को खारिज किया है| ये मुझे नारीवादी आंदोलन पर लिंबौग की टिप्पणी की याद दिलाता है जिसे उन्होंने देखा था ‘बदसूरत महिलाओं का समाज को स्वीकार होना’| जब हम खुद को नारीवादी कहते है या महिला एवं जेंडर संबंधित मुद्दों की बात करते है तब फैमिनाज़ी जैसे शब्द (जिसका अर्थ समझे बिना इसे महिला हित में बताया जाता है) का इस्तेमाल अक्सर अपनी बातों में करते है, लेकिन हमें इस शब्द और इसके भावार्थ को समझना होगा क्योंकि महिला हित की खोल में ये शब्द सीधे तौर पर महिला और जेंडर के मुद्दों का विरोधी है| उल्लेखनीय है कि अक्सर नारीवादियों के खिलाफ या यों कहें कि एक गाली एक तौर पर ‘फैमिनाज़ी’ का शब्द का इस्तेमाल किया जाता है|
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