मान लीजिए कि इस महीने आपके पीरियड्स की तारीख चली आए पर आपको पीरियड्स आएं ही न। पहले-पहले तो आपको इतनी फ़िक्र नहीं होगी। आप ये सोचती होंगी कि शायद इस महीने पीरियड्स किसी वजह से लेट हो गए हैं और थोड़े दिन और इंतज़ार करेंगी। पर पूरा महीना बीत जाता है और आपको पीरियड्स नहीं होते। अब आपको शक होने लगता है। कहीं आप प्रेगनेंट तो नहीं हैं? पर आपने तो प्रोटेक्शन का इस्तेमाल किया था न? आप प्रेगनेंसी टेस्ट करके देखती हैं तो नतीजा नेगेटिव आता है, यानी आप प्रेगनेंट नहीं हैं। फिर क्या वजह हो सकती है पीरियड्स के अचानक रुक जाने की? अभी तो मेनोपॉज़ की उम्र भी नहीं हुई।
अब कल्पना कीजिए कि आपकी उम्र 17 के आसपास है। आपकी सारी सहेलियों को दस-ग्यारह या ज़्यादा से ज़्यादा बारह-चौदह साल की उम्र में पीरियड्स आ गए थे। पर इतनी उम्र हो जाने के बावजूद आपके पीरियड्स अभी तक आए ही नहीं। आप अपनी सहेलियों को सैनिटरी पैड खरीदते देखती हैं, पीएमएस और दर्द वगैरह की शिकायत करते सुनती हैं। आपको बेहद अजीब लगता है कि आपको अभी तक ये अनुभव नहीं हुए हैं। क्या आप में कोई कमी हैं? क्या आप दूसरों से अलग हैं? ये सारे सवाल आपके मन में तनाव पैदा करते हैं।
क्या सचमुच ऐसा मुमकिन है? पूरी ज़िंदगी किसी को पीरियड्स आएं ही न या अचानक बिना कोई वजह आना बंद हो जाएं? कैसे होता है ऐसा और क्यों?
विज्ञान की भाषा में इसे ‘एमेनोरिया’ (amenorrhea) कहा जाता है। एमेनोरिया एक ऐसी शारीरिक स्थिति है जिसमें एक औरत को प्रजनन की उम्र की होने के बावजूद किसी कारण पीरियड्स नहीं आते। ये अपने आप में एक बीमारी तो नहीं है पर इसके पीछे कई कारण होते हैं, जिनमें प्रजनन-संबंधित बीमारियां भी शामिल हैं। एमेनोरिया दो तरह का होता है – ‘प्राईमरी एमेनोरिया’ और ‘सेकेंडरी एमेनोरिया’। प्राईमरी एमेनोरिया उसे कहते हैं जब एक लड़की 16 साल की हो गई हो और किशोरावस्था प्राप्त होने के बावजूद भी उसे कभी पीरियड्स नहीं हुए। सेकेंडरी एमेनोरिया तब होता है जब प्रेगनेंसी या मेनोपॉज़ के बगैर ही एक औरत के पीरियड्स अचानक से कम से कम दो तीन महीनों के लिए बंद हो जाते हैं। अगर 13-14 साल की उम्र तक एक लड़की किशोरावस्था प्राप्त नहीं करती, उसके शरीर में बदलाव नहीं आते तो उसे प्राईमरी एमेनोरिया होने की संभावना बढ़ जाती है।
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प्राईमरी एमेनोरिया के कई सारे कारण हो सकते हैं। अमेरिका में एक शोध से इसका संबंध बचपन में ओबेसिटी या अतिरिक्त मोटापे के साथ पता चला है। इसके पीछे ‘टर्नर्स सिंड्रोम’ नाम का एक जेनेटिक कारण हो सकता है, जिससे एक लड़की के शरीर में दो की जगह सिर्फ़ एक ही X क्रोमोजोम मौजूद होता है। ये एक हॉर्मोनल समस्या ‘गोनाडल डिसजेनेसिस” की वजह से भी हो सकता है, जिसमें एक लड़की के ओवरीज़ या अंडाशयों में पर्याप्त मात्रा में अंडे नहीं बनते। इसके पीछे शारीरिक कारण भी हो सकते हैं जैसे शरीर में यूटेरस का मौजूद ही न होना, शारीरिक या मानसिक तनाव, वज़न बहुत ज़्यादा या बहुत कम होना, या खान-पान और जीवनशैली से संबंधित समस्याएं।
एमेनोरिया एक ऐसी शारीरिक स्थिति है जिसमें एक औरत को प्रजनन की उम्र की होने के बावजूद किसी कारण पीरियड्स नहीं आते।
सेकेंडरी एमेनोरिया आमतौर पर हॉर्मोनल समस्याओं की वजह से होता है। ये थाईरॉयड की समस्याओं की वजह से हो सकता है। इसका कारण पिट्यूटरी ग्रंथि, जो शरीर के सारे ज़रूरी हॉर्मोन्स को नियंत्रित करता है, में ट्यूमर हो सकता है। पर आज के दिन में इसके पीछे सबसे बड़ा कारण पीसीओडी या ‘पॉली सिस्टिक ओवरी डिज़ीज़’ है, जिसमें एक औरत के शरीर में अतिरिक्त मात्रा में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन पैदा होता है और उसके अंडाशयों में सिस्ट या गांठ पड़ जाते हैं। पीसीओडी की समस्या हर दस औरतों में से एक को होती है और इसका प्रभाव एक औरत के पूरे शरीर में पड़ता है। इन सब के अलावा भी सेकेंडरी एमेनोरिया की वजह मानसिक तनाव, खाने पीने में कमी, वज़न का बहुत ज़्यादा या बहुत कम होना और ज़रूरत से ज़्यादा एक्सरसाइज़ करना हो सकती है।
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एमेनोरिया अपने आप में भले ही कोई बीमारी न हो पर ये आपके शरीर में कोई और बड़ी समस्या का लक्षण हो सकता है। अगर पीरियड्स से संबंधित ऐसी कोई भी समस्या हो रही है तो इसे गंभीरता से लेने की ज़रूरत है और अपने खान-पान और जीवनशैली में कुछ ज़रूरी बदलाव लाने की ज़रूरत है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेने में देर या संकोच नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर इसे शुरुआत में अनदेखा किया गया तो बाद में बहुत मुश्किल हो सकती है।
अगर सचमुच इसके पीछे का कारण कोई बीमारी है तो हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और ये ध्यान में रखना चाहिए कि इस लड़ाई में हम अकेले नहीं हैं। प्रजनन-संबंधित समस्याएं दुनिया भर में कई औरतों को होती हैं और इनमें से बहुत एक स्वाभाविक ज़िंदगी जीने में सफल हो रही हैं। ऐसे में डॉक्टर की सलाह मानते रहना चाहिए और हर तरह से अपना ख्याल रखना चाहिए ताकि ये समस्याएं हम पर हावी न हों।
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