अच्छा महसूस होता है जब आपके काम की सराहना की जाती है, आपके काम को पहचान मिलती है। फेमिनिज़म इन इंडिया के काम को इस बार भी लाडली मीडिया अवॉड्स द्वारा सराहा गया है। यह मुमकिन हुआ है हमारी टीम, हमारे लेखकों, हमारे इंटरन्स और हमारे पाठकों की वजह से। इस बार भी पॉपूलेशन फर्स्ट लाडली मीडिया अवॉर्ड्स 2021 में फेमिनिज़म इन इंडिया और हमारे लेखकों ने अलग-अलग श्रेणियों में कई अवॉर्ड्स अपने नाम किए हैं। फेमिनिज़म इन इंडिया हिंदी को पांच व अंग्रेज़ी को तीन अवॉर्ड्स से नवाज़ा गया है। इन पुरस्कारों की घोषणा 19 नवंबर की शाम को की गई।
1- फेमिनिज़म इन इंडिया हिंदी के कैंपेन #AbBolnaHoga को वेब: सोशल मीडिया कैंपेन की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया।
2- फेमिनिज़म इन इंडिया हिंदी पर छपे लेख ‘महिलाओं के ‘चरमसुख’ यानी ऑर्गेज़म पर चुप्पी नहीं बात करना ज़रूरी है‘ के लिए ऐश्वर्य विजय राज को लाडली मीडिया अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
3- फेमिनिज़म इन इंडिया हिंदी पर छपे लेख महिला-विरोधी है ऑनलाइन शिक्षा के लिए हिना फ़ातिमा को लाडली मीडिया अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
4- फेमिनिज़म इन इंडिया हिंदी पर छपे लेख नवरूणा केस : अब अपनी बेटी के अवशेष का इंतज़ार कर रहे हैं माता-पिता‘. के लिए सौम्या ज्योत्सना को लाडली मीडिया अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
5- वीडियो: निष्ठा शांति के वीडियो ‘Lets talk about challenges of PCOS को अंग्रेज़ी वेब: सोशल मीडिया कैंपेन की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया।
6- फेमिनिज़म इन इंडिया अंग्रेज़ी और लॉ इन डेवलपमेंट के कैंपेन ‘Adolescent Sexuality‘ को अंग्रेज़ी वेब: सोशल मीडिया कैंपेन की श्रेणी में ज्यूरी अप्रिसियेशन से सम्मानित किया गया।
7- निष्ठा शांति के वीडियो ‘Vaginismus: when your vagina refuses to open up को अंग्रेज़ी वेब: सोशल मीडिया कैंपेन की श्रेणी में ज्यूरी अप्रिसियेशन से सम्मानित किया गया।
8- फेमिनिज़म इन इंडिया अंग्रेज़ी पर छपे संहति बनर्जी के लेख The Ticking Bomb Called Online Child Sexual Abuse को लाडली मीडिया अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
यह चौथा साल है जब फेमिनिज़म इन इंडिया को लाडली मीडिया अवॉड्स से सम्मानित किया गया है। एक स्वतंत्र नारीवादी मीडिया संस्था के तौर पर लगातार काम करते रहना चुनौतीपूर्ण है। हम किसी भी तरह का विज्ञापन भी नहीं लेते हैं। हमारा संस्थान इसी तरह काम करता रहे, इसके लिए FII के मेंबर बने।