बीते कुछ दिनों से दिल्ली की राजनीति खबरों की सुर्खियों में है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 लड़ रहे बाकी पार्टियों के अलावा तीन मुख्य पार्टियों- आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इंडियन नेशनल कांग्रेस (कांग्रेस) ने अपने-अपने घोषणा पत्र जारी कर दिए हैं। दिल्ली में पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से राजनीतिक पार्टियां एक से बढ़कर एक लुभावने वादे कर रही थीं और पार्टियों के घोषणापत्र ने उन वादों पर मोहर लगा दी है। तीनों दल ने अपने घोषणा पत्रों में महिलाओं, यमुना की देखरेख, सफाई और मुफ्त इलाज जैसे मुद्दों को केंद्र में रखा है। साथ ही तीनों बड़े राजनीतिक दलों ने फ्रीबीस यानी हजारों रेवड़ी की घोषणा की है। कोई दल महिलाओं को 2100 रुपये देने का वादा कर रहा है तो कोई दल 2500 रुपये देने का वादा कर रहा है। कहीं महिलाओं के लिए राज्य सरकार की नौकरियों में आरक्षण देने की बात कही गई है तो कहीं पिंक टॉयलेट बनाने के वादे किए हैं।
क्या है आप के वादे
राजनीतिक पार्टियों के लिए अब ये बात साफ हो गई है कि महिलाओं का वोट मायने रखता है। पिछले लोकसभा चुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक था। इसलिए, तीनों दलों ने अपने-अपने घोषणापत्र में महिलाओं के लिए कई योजनाएं और रेवड़ी की घोषणा की है। सबसे पहले दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी आप ने दिल्ली की महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ के तहत 2100 रुपये देने का वादा किया है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने कम आय वाले परिवारों की महिलाओं के लिए ‘महिला समृद्धि योजना’ और ‘प्यारी दीदी योजना’ के तहत 2500 रुपये देने की घोषणा की है।
आप के घोषणा पत्र ‘केजरीवाल की 15 गारंटी’ में हमें महिलाओं के लिए केवल एक घोषणा देखने को मिलती है, जिसमें वो ‘हर महीने हर महिला को 2100 रुपये’ देने का लुभावना वादा करते हैं। उसके अलावा वो आप ने ‘संजीवनी योजना’ की घोषणा की, जिसके तहत 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को मुफ़्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी, जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों अस्पताल शामिल होंगे। आप ने दिल्ली के जल संकट से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को भी बताया और अनुचित बिलिंग से जुड़ी समस्याओं को दूर करने की बात की। अगर हाशिये के समुदायों की बात करें, तो आप दलित छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की घोषणा की है। इसमें सरकार विदेश में पढ़ रहे दलित छात्रों के सभी खर्चों (ट्यूशन, यात्रा और आवास) का खर्च उठाएगी।
क्या कह रही है भाजपा
दूसरी तरफ हम भाजपा के घोषणापत्र को देखें, तो दिल्ली की चुनौतियों से निपटने के लिए तरह-तरह के दृष्टिकोण देखने को मिलेगा। इसमें भाजपा ने आप की कई पहलों को जारी रखने की भी बात कही है। महिलाओं को 2500 हजार रुपए के अलावा, भाजपा ने 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली की मौजूदा योजना को जारी रखने का इरादा व्यक्त किया है और एलपीजी सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी और होली और दिवाली के दौरान मुफ्त सिलेंडर देने का वादा किया है। भाजपा ने पिंक ई-ऑटो लेने वाली 1000 महिलाओं को 80 प्रतिशत सब्सिडी देने, 250 सार्वजनिक सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन सहित पिंक शौचालय और नवजात शिशु के फीडिंग रूम का वादा किया। भाजपा के संकल्प पत्र में गर्भवती महिलाओं को 21,000 रुपये की एक बार की वित्तीय सहायता और 6 न्यूट्रिशनल किट देने का वादा किया गया है। इसके अलावा पहले बच्चे के लिए 5,000 रुपये और दूसरे बच्चे के लिए 6,000 रुपये देने का वादा किया गया है।
क्या कह रही है काँग्रेस
कांग्रेस के वादों में युवा उड़ान योजना मुख्य है, जो बेरोजगार युवाओं को एक साल के लिए 8,500 रुपये प्रति माह वजीफा देने के लिए बनाई गई है। इसके अलावा, कांग्रेस ने स्थानीय उद्योगों में अप्रेंटिसशिप प्रदान करने का वादा किया है, जिसका उद्देश्य युवा नौकरी चाहने वालों के लिए रोजगार में बदलाव को आसान बनाना है। पार्टी 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली की पेशकश करती है। इसके अलावा, कांग्रेस की जीवन रक्षा योजना में सभी दिल्ली निवासियों के लिए 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर शामिल है, साथ ही 500 रुपये की कीमत पर सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का वादा भी किया गया है।
हाशिये के समुदायों को लुभाने की कोशिश
आप, भाजपा और कांग्रेस का घोषणापत्र देखें तो कई महिला केंद्रित वादे दिखेंगे। कांग्रेस की बात करें तो वो महिलाओं के लिए आत्मरक्षा की क्लास, शारीरिक श्रम करने वाली महिलाओं के लिए ‘राजीव गांधी राष्ट्रीय क्रैच’ के तहत 140 शिशुगृह सदन और कालकाजी महिला अस्पताल की संख्या बढ़ाने जैसे वादे किए हैं। आप, भाजपा और कांग्रेस सभी ने कई लुभावने वादे किए हैं पर उनको जमीनी स्तर पर इम्पलीमेंट कैसे करेंगे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। वहीं, नेशनल पॉलिटिक्स में बी आर अंबेडकर के परिप्रेक्ष्य सभी पार्टियों ने राजनीति का प्रयास किया है। आप, भाजपा और कांग्रेस तीनों ने ही हाशिये के समुदायों के लिए कुछ न कुछ वादा ज़रूर किया है।
भाजपा ‘डॉ बी आर अंबेडकर स्टाइपेंड स्कीम’ के तहत उन दलित बच्चों को हर महीने 1000 रुपये स्टाइपेंड देने का वादा कर रही है जो आईटीआई, स्किल और पॉलीटेक्निक जैसे कोर्स कर रहे हैं और 10वीं और 12वीं दलित छात्रों की छात्रवृत्ति की राशि को दुगना करने का वादा किया है। इसी बीच कांग्रेस ने भी दलित समाज के लिए दिल्ली की सरकारी नौकरी में अनुसूचित जातियों के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया है। बता दें कि केंद्र सरकार की नौकरियों में 15 प्रतिशत आरक्षण पहले से मौजूद है। दलित छात्रों की छात्रवृत्ति की राशि को बढ़ाना, समुदाय के मुद्दों के समाधान के लिए अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया जाएगा और अनुसूचित जाति को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए 15 प्रतिशत सरकारी ठेके देने जैसे बहुत बड़े वादे कर दिए हैं। हालांकि ये जमीनी स्तर पर कितना लागू होगा, ये देखने वाली बात है।
बात एलजीबीटीक्यू+ समुदाय की करें, तो भाजपा और कांग्रेस अपने घोषणापत्र में महज कुछ सुविधाएं देने का वादा किया है। भाजपा ट्रांसजेंडर को सर्टिफिकेट, आइडेंटिटी कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड देने और बस में यात्रा मुफ्त कर देने का वादा करती है। वहीं कांग्रेस उच्च न्यायालय के 2014 के फैसला के अनुसार नौकरी और शिक्षा में ट्रांसजेंडर समुदाय को आरक्षण प्रदान करने का वादा करती है। लेकिन उन्हें कितना आरक्षण दिया जाएगा ये स्पष्ट नहीं है। एलजीबीटीक्यू+ के छात्रों को छात्रवृत्ति और छात्रवास की सुविधा की बात भी काँग्रेस करती है। हालांकि ये सभी बातें लोगों के बुनियादी अधिकार के जुड़े हैं, जिसे घोषणापत्र के तहत गिनने का मतलब नहीं।
कुछ अन्य वादे
कुछ अन्य जरूरी वादों में आप ने ऑटो चालकों की बेटी की शादी के लिए एक लाख रुपये देने की गारंटी दी है। साथ ही उनके बच्चों के लिए मुफ्त कोचिंग और 10 लाख तक का बीमा की बात कही है। भाजपा ‘मुख्यमंत्री कन्यादान योजना’ के तहत गरीब लड़कियों की शादी के लिए 50,000 रुपये देने का वादा करते हैं। बता दें कि राजस्थान, हरियाणा और बिहार में ये योजना पहले से लागू है। साथ ही भाजपा दिल्ली के सभी किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना के तहत हर साल 9000 रुपये देने का वादा करती है। लड़कियों की शादी में आर्थिक सहायता प्रदान करने की होड़ में कांग्रेस ने भी बेसहारा विधवाओं, उनकी लड़कियों और गरीब लड़कियों की शादी में 1.1 लाख रुपये देने का वादा किया है।
बहरहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने घोषणा पत्र जारी कर दिए हैं। आप, भाजपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे से बढ़कर लुभावने वादे किए हैं। महिलाओं, हाशिये के समुदायों, युवाओं और विकलांग लोगों को साधने की कोशिश की गई है। मुफ्त सुविधाओं और नकद सहायता के वादों ने घोषणापत्रों में प्रमुख स्थान पाया है। हालांकि, सवाल यह है कि क्या इन वादों को धरातल पर लागू किया जाएगा। राजनीतिक दलों को यह समझना होगा कि घोषणाएं तभी सार्थक होंगी, जब वे प्रभावी ढंग से लागू हों। सोशल मीडिया के दौर में आज मतदाता पहले से कहीं ज्यादा सजग हैं और वादों पर नहीं, बल्कि उनके कार्यान्वयन पर ध्यान देंगे। पार्टियों के लिए यह चुनाव उनकी नीतियों को साबित करने का भी मौका है।