स्वदेस की गीता और इस देश की सभी लड़कियां चाहती हैं स्वाभिमान, आज़ादी और आत्मनिर्भरता से जीनाBy Rishu Kumari 4 min read | May 11, 2023
जॉयलैंड: लैंगिक असमानता, पितृसत्ता, सेक्सुअलिटी की सच्चाई को सामने रखती एक उम्दा कहानीBy Aashika Shivangi Singh 6 min read | Mar 28, 2023
परियेरुम पेरुमल: जातिगत घृणा से भरे समाज का भयावह रूप दिखाती फिल्मBy Rupam Mishra 7 min read | Mar 24, 2023
फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने वाली महिला सिनेमेटोग्राफरBy Nootan Singh 4 min read | Mar 23, 2023
दो बीघा ज़मीन: आखिर फ़िल्म की प्रासंगिकता खत्म क्यों नहीं हो रही है?By Rupam Mishra 7 min read | Feb 28, 2023
छतरीवालीः महत्वपूर्ण मुद्दे पर कमजोर कहानी के साथ बनी एक औसत फिल्मBy Nootan Singh 5 min read | Feb 2, 2023
नारी, नायिका, नज़रिए और नेतृत्व की पेशकश फ़िल्म ‘कला’ क्यों देखी जानी चाहिए? By Swati Singh 5 min read | Jan 4, 2023
तारक मेहता का उल्टा चश्मा हमारे जातिवादी समाज के चश्मे की तरह उल्टा क्यों? By Heena Sonker 5 min read | Nov 23, 2022
मौजूदा दौर में क्यों प्रासंगिक है जातिवादी समाज के चेहरे को उधेड़ती फ़िल्म ‘दामुल’By Aashika Shivangi Singh 6 min read | Nov 21, 2022
उषा खन्ना: 17 साल की उम्र में संगीत निर्देशक बन दी थी, इस पुरुष प्रधान क्षेत्र में दख़लBy Shweta Singh 3 min read | Oct 21, 2022
रेशमा पठान: अभिनेत्रियों के खतरनाक स्टंट कर उन्हें प्रसिद्धि दिलाने वाली पहली स्टंट वुमनBy Renu Kumari 6 min read | Oct 14, 2022
आशा पारेखः दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने जा रही अदाकारा के फिल्मी सफ़र पर एक नज़रBy Pooja Rathi 6 min read | Sep 30, 2022
मज़दूरों के संघर्ष और जीवन के सफ़र को दिखाती है फिल्म ‘मट्टो की साइकिल’By Aashika Shivangi Singh and Saurabh Khare 7 min read | Sep 27, 2022
रोशन कुमारीः एक मशहूर कथक कलाकार जिनके अलग अंदाज़ ने बनाया उन्हें ख़ास| #IndianWomenInHistoryBy Pooja Rathi 3 min read | Aug 23, 2022