अफ़वाह: मनुष्य की शिनाख़्त करती ,समय के खतरों से आगाह करती एक ज़रूरी फ़िल्मBy Rupam Mishra 7 min read | Jul 10, 2023
लस्ट स्टोरीज़ 2: दो वर्गों की दमित यौन इच्छाओं को दर्ज करती ‘द मिरर’By Rupam Mishra 7 min read | Jul 5, 2023
स्कूप: सनसनीखेज़ मीडिया का भीतरी सच और पितृसत्ता की भेंट चढ़ा एक महिला पत्रकार का पूरा जीवनBy Rupam Mishra 6 min read | Jun 12, 2023
सरस्वती देवीः हिंदी सिनेमा जगत की शुरुआती महिला संगीतकारों में से एक| #IndianWomenInHistoryBy Pooja Rathi 4 min read | May 15, 2023
स्वदेस की गीता और इस देश की सभी लड़कियां चाहती हैं स्वाभिमान, आज़ादी और आत्मनिर्भरता से जीनाBy Rishu Kumari 4 min read | May 11, 2023
जॉयलैंड: लैंगिक असमानता, पितृसत्ता, सेक्सुअलिटी की सच्चाई को सामने रखती एक उम्दा कहानीBy Aashika Shivangi Singh 6 min read | Mar 28, 2023
परियेरुम पेरुमल: जातिगत घृणा से भरे समाज का भयावह रूप दिखाती फिल्मBy Rupam Mishra 7 min read | Mar 24, 2023
फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने वाली महिला सिनेमेटोग्राफरBy Nootan Singh 4 min read | Mar 23, 2023
दो बीघा ज़मीन: आखिर फ़िल्म की प्रासंगिकता खत्म क्यों नहीं हो रही है?By Rupam Mishra 7 min read | Feb 28, 2023
छतरीवालीः महत्वपूर्ण मुद्दे पर कमजोर कहानी के साथ बनी एक औसत फिल्मBy Nootan Singh 5 min read | Feb 2, 2023
नारी, नायिका, नज़रिए और नेतृत्व की पेशकश फ़िल्म ‘कला’ क्यों देखी जानी चाहिए? By Swati Singh 5 min read | Jan 4, 2023