परिचित द्वारा यौन हिंसा/लैंगिक हिंसा के मामले में मीडिया का पितृसत्तात्मक रवैया| #GBVInMedia
जब बात जानकारों, परिवार के सदस्यों द्वारा हिंसा की गई हिंसा से जुड़ी होती है तो यहां मीडिया का पितृसत्तात्मक नज़रिया दिखाई देता है। घर में होनेवाली लैंगिक हिंसा की घटनाओं को न सिर्फ असंवेदनशीलता के साथ बल्कि सनसनखेज़ तरीके से पेश किया जाता है। इन घटनाओं को लैंगिक हिंसा से अधिक ‘रिश्तों की मर्यादा’ को खत्म करने के नज़रिये से कवर किया जाता है।