‘मृत्युदंड’ से महिलाओं के खिलाफ़ बढ़ते यौन हिंसा की समस्या का समाधान नहीं हो सकता
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली की रिपोर्ट बताती है कि 2023 तक मौत की सजा पाने वाले कैदियों की संख्या 561 हो गई, जो पिछले दो दशकों में सबसे अधिक है। हालांकि ट्रायल कोर्ट ने 2023 में 120 मौत की सजाएं दीं, लेकिन अपील कोर्ट में पुष्टि की दर इतनी कम हो गई कि 2000 के बाद से मृत्युदंड नहीं देखा गया।