बीते 25 अगस्त को सिरसा के ‘डेरा सच्चा सौदा’ के प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम इंसा को बलात्कारी घोषित किया गया| जल्द ही बलात्कारी राम रहीम को अदालत सजा सुनाएगी| जैसे ही अदालत ने इस बात पर अपनी मुहर लगाई कि राम रहीम बलात्कारी है इसपर बाबा के अंधभक्तों ने हिंसात्मक रूप धर लिया और चार राज्यों में जमकर उत्पात मचाया, एक-दूसरे को मारापीटा और कईयों को मौत के घाट तक उतार दिया| बाबा के इन अंधभक्तों की संख्या लाखों में थी, जिसमें महिला-पुरुष सभी शामिल थे|
बलात्कारी बाबा के अंधभक्तों के आतंक की खबरें मीडिया में भी खूब सुर्ख़ियों में रही| न्यूज़ चैनल जब टीवी पर अंधभक्तों के उत्पात की खबर चला रहे थे तब कई बार अपनी बात में यह ज़रूर कह रहे थे कि ये उसी देश की भीड़ है जहाँ बलात्कार जैसी घटनाओं पर लोग सड़कों पर कैंडल मार्च निकालते है और महिलाएं जमकर विरोध-प्रदर्शन करती है| अब इस बात को समाज की विडंबना कहा जाए या संयोग कि दो लड़कियों की गवाही पर राम रहीम को पन्द्रह साल बाद जेल भेजा गया| पर वहीं दूसरी तरफ राम रहीम के समर्थन में जो अंधभक्त सड़कों पर उतरे उसमें महिलाएं भी थी| इतना ही नहीं, राम रहीम की सल्लतनत के उत्तराधिकारी भी एक महिला (राम रहीम की दत्तक बेटी ह्नीप्रीत) के बनने की संभावना है| साथ ही, राम रहीम के मामले से जुड़े कई ऐसे पहलू भी समाने आ रहे है जिनका ताल्लुक सीधे तौर पर महिलाओं से है| जरा आप भी गौर फरमाइए :
दो लड़कियों ने पहुंचाया राम रहीम को जेल
साल 2002 में पूर्व प्रधानमन्त्री को एक लड़की ने अपने गुमनाम खत के ज़रिए राम रहीम की काली करतूतों के बारे में बताया था जिसके आधार पर राम रहीम पर जांच का सिलसिला जारी रहा और पन्द्रह साल बाद अदालत ने उसे दोषी करार दिया|
जब इस गुमनाम खत के नामपर जांच शुरू हुए तो शुरुआती दौर में करीब पांच लड़कियों ने राम रहीम के खिलाफ गवाही दी पर डराए-धमकाए जाने के बाद तीन लड़कियां पीछे हो गयी पर उनमें से दो लड़कियों ने डटे रहने का फैसला लिया| उन्होंने पन्द्रह साल तक सब्र रखा| इस दौरान उन्हें न जाने किस-किस तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ा होगा, जिसकी कल्पना शायद आप-हम न कर पाए| उन दो लड़कियों के साहस की वजह से सालों से समाज में अपनी पैठ मज़बूत जमाये बैठा रेपिस्ट राम रहीम जेल में है|
रेपिस्ट राम रहीम का अपनी बेटी ह्नीप्रीत के साथ संबंध : दामाद विश्वास गुप्ता
बलात्कार के दोषी पाए गए गुरमीत बाबा राम रहीम के मुंहबोले दामाद विश्वास गुप्ता की मानें तो बाबा के अपनी मुंहबोली बेटी के साथ अवैध संबंध थे। विश्वास गुप्ता का आरोप है कि राम रहीम के उसकी पत्नी हनीप्रीत इंसा के साथ पहले से संबंध थे इसलिए उन्होंने सबके सामने उसे अपनी मुंहबोली बेटी करार दिया ताकि वो अपने पाप को छुपा सकें। विश्वास गुप्ता ने ये आरोप इंडिया टीवी को दिये एक इंटरव्यू में लगाए थे। विश्वास गुप्ता ने साल 2011 में इंडिया टीवी को बताया कि मई 2011 को एक रात जब वह डेरे में बाबा की गुफा की तरफ गए तो जो देखा उसने उनकी जिंदगी बदलकर रख दी। विश्वास ने बताया कि बाबा के कमरे का दरवाजा गलती से खुला रह गया था। उसने जब अंदर झांका तो देखा कि बाबा उसकी पत्नी और अपनी मुंहबोली बेटी हनीप्रीत के साथ आपत्तिजनक अवस्था में थे।
विश्वास गुप्ता के अनुसार 14 फरवरी 1999 को फतेहाबाद की प्रियंका से खुद बाबा राम रहीम ने उसकी शादी कराई। विश्वास का कहना है कि अगर बाबा गुरमीत राम रहीम मेरी पत्नी हनीप्रीत को बेटी मानते हैं तो फिर मुझे दूर क्यों रखते हैं। जब होटलों में बाबा जाते हैं तो मुझे बगल वाले कमरे में भेज दिया जाता था, जबकि मेरी पत्नी रात में बाबा के साथ रहती थी। बाबा मुंहबोली बेटी को दामाद के साथ रहने से क्यों रोकते हैं?
विश्वास गुप्ता की बात में कितनी सच्चाई है मैं इसपर अपना कोई मत नहीं दे रही| पर यहाँ इसबात पर गौर करना चाहिए कि दो साध्वियों के साथ बलात्कार के दोषी राम रहीम का एक और पहलू जो सुर्ख़ियों में है वो है उसका खुद की बेटी से साथ शारीरिक संबंध|
सोना महापात्रा का बाबा के समर्थन वाले मीका सिंह के ट्वीट पर करार जवाब
रेपिस्ट राम रहीम केस पर कोर्ट का फैसला आने से पहले मीका सिंह ने ट्वीट कर राम रहीम को शुभकामनाएं दी थीं। मीका ने लिखा था, ‘मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि कोर्ट सही निर्णय लेगा। सबसे अच्छी बात ये हैं कि वो समय पर कोर्ट पहुंच गए थे।’ राम रहीम के बलात्कारी साबित होने के बाद लोगों का गुस्सा मीका सिंह पर फूट पड़ा और सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। इसपर बॉलीवुड की ही एक और सिंगर सोना महापात्रा ने भी मीका सिंह को उनके ट्वीट के लिये निशाना बनाया है। सोना महापात्रा ने मीका सिंह को लिखा है कि पता नहीं किस-किस तरह के लोग आपके दोस्त हैं। सोशल मीडिया पर भी राम रहीम के खिलाफ महिला की आवाज़ बुलंद हुई जो सुर्ख़ियों में है|
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राम रहीम के समर्थन में अंधभक्त महिलाएं
अदालत के फैसले के बाद जब राम रहीम को बलात्कार का दोषी करार किया गया तब लाखों अंधभक्त सड़कों पर हिंसात्मक तरीके से प्रदर्शन पर उतर आये है| इसमें महिलाओं ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया| वाकई यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह देश जहाँ सालों बाद महिला के खिलाफ हुई हिंसा का फैसला महिला के हक में आता है ऐसे में देश की महिलाओं को उन लड़कियों का पक्ष लेना चाहिए जिन्होंने तमाम ताकतों से लैस ढोंगी बाबा से पन्द्रह साल तक लोहा लिया, पर इसके विपरीत वे बलात्कारी के समर्थन में सड़कों पर उतरी|
औरत होगी रेपिस्ट राम रहीम की उत्तराधिकारी
सोशल मीडिया पर वह खुद को ‘‘पापा की परी, परोपकारी, निर्देशक, एडिटर और अभिनेत्री’’ बताती हैं। हनीप्रीत इन्सां राम रहीम सिंह की गोद ली हुई बेटी हैं। डेरा प्रमुख की विश्वासपात्र मानी जाने वाली हनीप्रीत विवादास्पद पंथ के संभावित प्रमुख के तौर पर भी उभरती दिख रही हैं।
पितृसत्ता के ज़रिए सालों से महिलाओं का इस्तेमाल का रूप साफ़ देखा जा सकता है, जिन्हें न केवल हमें समझने बल्कि इसे बदलने की भी ज़रूरत है|
इस सभी बातों का बारीकी से विश्लेषण किया जाए तो साफ़ हो जायेगा कि किस तरह धर्म (जिसे पितृसत्ता का हथियार भी माना जाता है) के ज़रिए पितृसत्ता सीधे तौर पर महिला-विरोधी है| एक तरफ पितृसत्तात्मक सोच के खिलाफ दो लड़कियां (जिन्होंने राम रहीम के खिलाफ गवाही दी) और सोना महापात्रा जैसी महिलाएं डटी हुई है| वहीं दूसरी ओर, एक मर्द (ढोंगी बाबा राम रहीम) की अंधभक्त बनकर महिलाएं सड़कों पर है और कोई महिला उस बलात्कारी का उत्तराधिकारी बनने को है| इसके साथ ही, बाकी का जो भी बचा पहलू है उसे राम रहीम के अन्य महिलाओं (फिर चाहे वो उसकी बेटी ही क्यों न हो) के साथ संबंध की खबरों को लेकर खूब टीआरपी भी बटोरी जा रही है| कुछ पहलुओ को छोड़कर इस पूरे प्रकरण में पितृसत्ता के ज़रिए सालों से महिलाओं का इस्तेमाल का रूप साफ़ देखा जा सकता है, जिन्हें न केवल हमें समझने बल्कि इसे बदलने की भी ज़रूरत है| वरना इसी तरह पितृसत्ता कभी हवस तो कभी भक्ति, कभी सत्ता तो कभी अभिव्यक्ति के नामपर आधी आबादी का शिकार करती रहेगी|
स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस