जैसे-जैसे महिलाओं को अपने करियर के लिए नये अवसर और समर्थन मिलता जा रहा है, वैसे वैसे वे कामयाबी की ओर अपना कदम बढ़ाती जा रही हैं। आज न जाने कितनी ही महिलाएं जीवन में कुछ निडर और अनूठा कर दिखाकर अन्य स्त्रियों के प्रोत्साहन का केंद्र बन रही हैं। इसी कड़ी में नाम शामिल हो गया है बोरीवली मुम्बई की रहने वाली आरोही पंडित का। कप्तान आरोही पंडित ने बीते बुधवार प्रशांत महासागर पार कर लिया है। गौरतलब है कि इसी साल मई में उन्होंने अटलांटिक महासागर पर देश का परचम लहराया था। आरोही ने केवल 23 साल की उम्र में दोनों महासागर पार कर पूरे विश्व में अकेले ऐसा करने वाली पहली महिला होने का रिकॉर्ड दर्ज कर दिया है। अपनी 13 महीने की उड़ान में उन्होंने ऐसे बहुत से रिकॉर्ड बनाये जो युवा महिला पायलटों के लिए प्रेरणास्रोत से कम नहीं है।
आरोही के इस बेबाक अंदाज़ से लाखों महिलायें प्रोत्साहित होंगी और अपने सपनों को साकार करने के लिए और भी मेहनत करेंगी।
मौजूदा समय में आरोही पंडित मुंबई में सिटी पायलट के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी इस यात्रा के लिए बॉम्बे फ्लाइंग क्लब से सात महीने की ट्रेनिंग ली थी। निश्चय ही यह पंडित की कड़ी मेहनत का नतीजा है कि उन्होंने भारत का नाम पूरे विश्व में रौशन कर दिखाया। गौर करने वाली बात यह है कि पंडित ने अकेले ही एक लाइट स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट से उड़ान भरके इस यात्रा को संभव कर दिखाया। उन्होंने जिस एयरक्राफ्ट के सहारे यह कामयाबी हासिल की उसका नाम ‘माही’ है। यह एक सिंगल इंजन साइनस 912 का छोटा एयरक्राफ्ट है जिसका वज़न एक बुलट बाइक के वज़न से भी कम है। इसे साल 2018 में आरोही और उनकी टीम ने लॉन्च किया था जिसे सबसे पहले उन्होंने पंजाब, राजस्थान, गुजरात, पाकिस्तान, तुर्की, ईरान, सर्बिया, स्लोवेनिया, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन में उड़ाया था।
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आरोही पंडित के लिए यह सफर आसान नहीं था। चाहे बर्फ हो या तपतपाती गर्मी, भीषण आंधी हो या बारिश, उन्होंने अपनी ट्रेनिंग में हर तरह के वातावरण का सामना करना सीखा। उन्होंने सात महीने लगातार अपने शारीरिक और मानसिक क्षमताओं का परीक्षण करके यह सफलता पायी। जब वह यह रिकॉर्ड बनाकर रूस के एनाडिर एयरपोर्ट पर लैंड हुईं तो पंडित ने भारत का तिरंगा शान से लहराया और भारतीय होने पर गर्व जताया। पर केवल वर्ल्ड रिकॉर्ड ही नहीं बल्कि पंडित की ऐसी बहुत-सी उपलब्धियां हैं जिन्हें जानना ज़रूरी है। आरोही ने विश्व की पहली ऑल वुमन टीम बनाई जो लाइट स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट (एलएसए) के ज़रिये पृथ्वी मंडल का चक्कर लगाएगी। इसके साथ ही अपने इस सफर के दौरान उन्होंने लाइन ऑफ़ कन्फ्यूज़न को भी पार किया। यहाँ वर्तमान में चल रही तारीख बदल जाती है और कुछ देर के लिए उपकरण सही ढंग से काम करना बंद कर देते हैं।
आज न जाने कितनी ही महिलाएं जीवन में कुछ निडर और अनूठा कर दिखाकर अन्य स्त्रियों के प्रोत्साहन का केंद्र बन रही हैं।
इस अनुभव को साझा करते हुए आरोही ने बताया कि लाइन ऑफ कन्फ्यूजन क्रॉस करते समय मैंने अपनी जिंदगी का एक दिन गंवा दिया, जो मुझे कभी वापस नहीं मिलेगा। प्रशांत महासागर की उड़ान अटलांटिक से ज़्यादा खूबसूरत रही। मैंने इसका सबसे अधिक आनंद उठाया। भारत और महिलाओं के लिए ये रिकॉर्ड बनाकर मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं।’ गौरतलब है कि पंडित अपने अब तक के करियर में एलएसए के सहारे 20 देशों और क़रीब 29,500 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी हैं। पंडित ने यात्रा के दौरान अपने नाम अन्य रिकॉर्ड भी दर्ज किये। इसमें ग्रीनलैंड के आइस कैप के ऊपर एलएसए से उड़ने वाली विश्व की पहली महिला और उत्तरी पूर्व से उत्तरी पश्चिम पूरे कनाडा में उड़ान भरने वाली पहली महिला होने के खिताब शामिल हैं।
हमें उम्मीद है कि आरोही के इस बेबाक अंदाज़ से लाखों महिलायें प्रोत्साहित होंगी और अपने सपनों को साकार करने के लिए और भी मेहनत करेंगी।
तस्वीर साभार : jagran
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