2016 में बुलंदशहर में 7 लोगों ने एक मां और बेटी को गैंगरेप किया था। उनके लिए बलात्कार से भी ज़्यादा पीड़ादायक तो ये बात थी कि मीडियावाले दिनभर उनके पीछे पड़े रहते थे और उनके मना करने के बावजूद उनसे बात करने की कोशिश करते थे। ये इतना असहनीय हो गया था कि पीड़िताओं का पति/पिता टीवी कैमरे के सामने रो पड़ा। उसने कहा, “मैं कितनी बार बताऊं मेरी बीवी और बेटी के साथ क्या हुआ? बलात्कार हुआ है उनका! और क्या जानना चाहते हैं आप? मेरी बेटी कल रात तक ठीक थी मगर इतने लोगों के सामने वो घटना इतनी बार याद करने की वजह से उसकी हालत फिर ख़राब हो गई है। उसका रोना बंद नहीं हो रहा। मैं विनति करता हूं, हमें अकेला छोड़ दीजिए।”
यौन शोषण की पीड़िताओं से बात करते समय हमें ये ध्यान में रखना चाहिए कि उनके साथ जो हुआ है, वो बेहद दर्दनाक है। इसे याद करना और इसके बारे में बात करना उनके लिए आसान नहीं है। इसलिए उनके साथ बहुत संवेदनशील होने की ज़रूरत है ताकि उन्हें तनाव महसूस न हो और उनकी मानसिक स्थिति को नुकसान न पहुंचे।
नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं जिनसे ये स्पष्ट होता है कि यौन शोषण से पीड़ित व्यक्ति से संवेदना जताते हुए कैसे बात की जा सकती है।
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