सेक्स के मुद्दे पर चुप्पी की संस्कृति ने हमेशा से इसे ऐसा रहस्यमयी विषय बनाया है, जिसकी वजह से इसके स्वास्थ्य के पहलू तो क्या इससे जुड़ी समस्याओं पर चर्चा भी संकोच का विषय बन गया। वास्तव में सेक्स हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा ज़रूरी मुद्दा है, जिसपर ध्यान देना और इसे सेफ़ बनाना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि जब हम सेफ़ सेक्स की बात करते हैं तो ये न केवल हमारी शारीरिक ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है बल्कि हमें सेक्स संबंधित कई बीमारियों से भी बचाता है। आइए, FII के इस वीडियो में जानते हैं कि सेफ सेक्स क्या है और यह क्यों जरूरी है?
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पितृसत्ता क्या है? – आइये जाने
पितृसत्ता एक ऐसी व्यवस्था के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें पुरुषों का महिलाओं पर वर्चस्व रहता है और वे उनका शोषण और उत्पीड़न करते हैं|
इन 15 महिलाओं ने भारतीय संविधान बनाने में दिया था अपना योगदान
संविधान सभा में हम उन प्रमुख पंद्रह महिला सदस्यों का योगदान आसानी से भुला चुके है या यों कहें कि हमने कभी इसे याद करने या तलाशने की जहमत नहीं की| तो आइये जानते है उन पन्द्रह भारतीय महिलाओं के बारे में जिन्होंने संविधान निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दिया है|
भारत में स्त्री विमर्श और स्त्री संघर्ष: इतिहास के झरोखे से
भारत में स्त्री संघर्ष और स्त्री अधिकार के आन्दोलन को इसी रूप में स्वतंत्रता आन्दोलन के परिप्रेक्ष्य में देखने की आवश्यकता है|
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पैड खरीदने में माँ को आज भी शर्म आती है
मासिकधर्म और सैनिटरी पैड पर हमारे घरों में चर्चा करने की बेहद ज़रूरत है और जिसकी शुरुआत हम महिलाओं को ही करनी होगी।
लैंगिक समानता : क्यों हमारे समाज के लिए बड़ी चुनौती है?
गाँव हो या शहर व्यवहार से लेकर काम तक लैंगिक समानता हमारे समाज में मौजूद है, जो हमारे देश के लिए एजेंडा 2030 को पूरा करने में बड़ी चुनौती है|
उफ्फ! क्या है ये ‘नारीवादी सिद्धांत?’ आओ जाने!
नारीवाद के बारे में सभी ने सुना होगा। मगर यह है क्या? इसके दर्शन और सिद्धांत के बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं मालूम। इसे पूरी तरह जाने और समझे बिना नारीवाद पर कोई भी बहस या विमर्श बेमानी है। नव उदारवाद के बाद भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति आए बदलाव के बाद इन सिद्धांतों को जानना अब और भी जरूरी हो गया है।