क्या आप जानते हैं कि 19वीं सदी के केरल में दलित और अन्य पिछड़ी जाति से आने वाली महिलाओं को अपने स्तन को ढकने के लिए कर यानि टैक्स अदा करना पड़ता था। बात 19 वीं सदी की है, जब देश की रियासतें ब्रिटिश हुकूमत के अंदर आती थीं। उस समय दक्षिण भारत के त्रावणकोर राज्य जिसे आज केरल के नाम से जाना जाता है, वहां दलित और अन्य पिछड़ी जाति से आने वाली महिलाओं को अपने शरीर के ऊपरी हिस्से यानि स्तन को ढकने की मनाही थी और अगर वे ऐसा करती तो उनसे इस पर टैक्स वसूला जाता था। इस ब्राह्मणवादी पितृसत्तात्मक जाति व्यवस्था के खिलाफ़ साल 1813 में त्रावणकोर राज्य में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस विरोध को चन्नार क्रांति के नाम से जाना गया।
चन्नार क्रांति: जिस आंदोलन ने दी ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को चुनौती
क्या आप जानते हैं कि 19वीं सदी के केरल में दलित और अन्य पिछड़ी जाति से आने वाली महिलाओं को अपने स्तन को ढकने के लिए कर यानि टैक्स अदा करना पड़ता था।