जब भी आप नारीवाद के बारे में जानना चाहेंगे तो इस सूची में बेल हुक्स का नाम ज़रूर शामिल होगा। ग्लोरिया जीन वेटकिन्स अमेरिकी लेखिका, प्रोफेसर, सामाजिक कार्यकर्ता और नारीवादी थीं। ग्लोरिया ‘बेल हुक्स’ के नाम से लिखती थीं। बेल हुक्स ने 30 से अधिक किताबें व अनेक लेख लिखे हैं। जिसमें उन्होंने उत्तराधुनिक दृष्टिकोण से पूंजीवाद, जेंडर, इतिहास, कला, वर्ग और समावेशी नारीवाद पर बात की है। अपने लेखन से उन्होंने समाज के तय ढांचे से अलग बात करते हुए उसे चुनौती दी। उन्हें कविता के लिए पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका हैं। चलिए जानते हैं बेल हुक्स के नारीवाद और सामाजिक समानता के विचारों वाली लिखी किताबों के बारे में जो आपको पढ़नी चाहिए।
1- ऐंट आई ए वुमन
बेल हुक्स ने ‘ऐंट आई ए वुमन’ किताब मात्र 19 साल की उम्र में लिखनी शुरू कर दी थी। इस किताब में उन्होंने 19वीं और 20वीं शताब्दी की अमेरिकी काली महिला के जीवन पर प्रकाश डाला है। इस किताब में हुक्स हमें ऐसे चरित्र से मिलवाती है, जो दास के रूप में शारीरिक और यौन दुर्व्यवहार का सामना करती है। जो पूंजीवाद में फंसकर अधिक काम और शारीरिक शोषण का लगातार सामना करती है। इस पुस्तक में काली महिलाओं पर लैंगिक भेदभाव के प्रभाव की खोज की गई। किस तरह अमेरिकी समाज में काली महिलाओं को ऐतिहासिक रूप से श्वेत पुरुषों और श्वेत महिलाओं द्वारा प्रताड़ित किया गया। उन्होंने अपने लेखन के जरिये इस बात को चुनौती दी है कि जाति और लिंग अलग-अलग मुद्दे है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया लैंगिक भेदभाव और नस्लवाद को खत्म करने की लड़ाई आपस में जुड़ी हुई है।
2- फेमिनिज़म इज फॉर एवरीबडी
यह किताब नारीवादी सिद्धांत को जानने के लिए बुनियादी तौर पर बहुत आवश्यक है। इस किताब का सार है कि नारीवाद हर किसी के लिए है। यह किसी लिंग में विभाजित नहीं है। साथ ही यह किताब नारीवाद क्या है और हमें नारीवादी आंदोलन में क्यों शामिल होना चाहिए इन दो महत्वपूर्ण सवालों का तर्क के साथ जवाब देती है। किताब में आंदोलनों की सफलता और विफलता को देखते हुए, यौन हिंसा, प्रजनन अधिकार, काम, वर्ग और नस्लवाद जैसे विषयों की धरातल की स्थिति पर बात की गई है। साथ ही वह पितृसत्तात्मक व्यवस्था के विकल्प की मांग के लिए भी प्रोत्साहित करती है।
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3- बून ब्लैकः मैमरी ऑफ गर्लहुड
बून ब्लैकः मैमरी ऑफ गर्लहुड किताब बेल हुक्स की बचपन की यादों के बारे में है। इस किताब में उन्होंने अपने बचपन के दिनों में महसूस की असमानता से लेकर स्वंय के लिए नारीवाद की खोज तक के सफर को बताया है। उन्होंने विस्तृत रूप से एक गरीब अफ्रीकी-अमेरिकी लड़की के रूप में अपने बचपन के नस्लीय भेदभाव के अनुभवों का विवरण दिया है।
4- ऑउटलॉ कल्चर
यह किताब एक निबंध संग्रह है। इसमें उन्होंने पॉप कल्चर और मीडिया में स्थित लैंगिक भेदभाव पर सवाल किए हैं। उन्होंने अपनी इस किताब में पॉप कल्चर आइकनों पर समकालीन मीडिया के द्वारा किए गए इंटरसेक्शनल लैंगिक भेद और नस्लवाद की पड़ताल की है। हुक्स हमें प्रतिनिधित्व और टोकेनिज़म के बीच स्थित लाइन को देखने के लिए कहती है। वह पाठकों को याद दिलाती है कि पितृसत्तात्मक समाज द्वारा बनाया गया यह सिस्टम हमें कभी यह नहीं दिखाएगा। मीडिया वह हकीकत हमारे सामने कभी नहीं लाएंगी जो उस सिस्टम के लिए फायदेमंद नहीं है।
5- ऑल अबाउट लवः न्यू विजन
2000 में प्रकाशित ऑल अबाउट लवः न्यू विजन किताब हमारे निजी और सार्वजनिक जीवन में प्यार के महत्व पर चर्चा करती है। यह किताब बताती है कि कैसे हमारी संस्कृति हमें प्यार करना सिखाती है। हुक्स इस इस किताब में महिला और पुरुषों के प्यार के तरीकों पर चर्चा करती है। विशेषतौर पर वह तर्क देती है कि अमेरिका में महिलाओं को हर स्थिति में प्यार देना सिखाया जाता है। भले ही उनकी ज़रूरत पूरी हो रही हो या ना। जबकि पुरुषों को प्यार पर अविश्वास करने और अपनी भावनाओं को कम करने की सामाजिक सीख दी जाती है। जिस कारण वे प्यार देने और लेने में ज्यादा रचनात्मक तरीके से नहीं सोच पाते हैं। प्यार की महत्वता के बारे में बात करती यह समाज के मॉर्डन लव की थ्योरी पर भी बात करती है। हुक्स अपने लेखन में प्रेम के मनौविज्ञान और दार्शनिक पहलूओं को सामने रखती है।
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6- वी रियल कूलः ब्लैक मैन एंड मैस्क्युलिनिटी
वी रियल कूलः ब्लैक मैन एंड मैस्क्युलिनिटी किताब में हुक्स दावा करती है कि अमेरिका में एक संस्कृति है, जहां काले पुरुषों से कोई प्यार नहीं करता है। विशेष रूप से काले पुरुष भी खुद से प्यार नहीं करते हैं। इस किताब में बहुत संवेदनशील होकर यह बताया गया है कि कैसे श्वेत समाज और काले नेता, काले युवाओं से यह भावना निकालने में विफल रहे हैं। गंभीरता से सोचने पर मजबूर करती यह किताब पॉप कल्चर के संदर्भ में कई सवाल खड़े करती है।
7- किलिंग रेंजः एंडिंग रेसिज़म
किलिंग रेंजः एंडिंग रेसिज्म किताब 23 निबंधों का एक संग्रह है। जो आज भी उतने प्रासंगिक है जितने 1996 में हुक्स के लिखते समय थे। जैसा कि हुक्स कहती है कि नस्लवाद को मिटाने के लिए लैंगिक भेदभाव को भी मिटाना होगा। इसी कारण ज्यादातर समय महिलाओं को सार्वजनिक मंच पर नस्लवाद के ख़िलाफ़ उनकी बातों को सुना ही नही जाता है। उन्हें बहस से बाहर रखा जाता है। ये निबंध असमानता, काले अमेरिकियों की बातें, फिल्म और मीडिया में स्थापित आंतरिक नस्लवाद पर आधारित है। किलिंग रेंज निबंध में अमेरिका में कैसे काला आदमी रोज तिरस्कार का सामना करता है। इस निबंध में काले आदमी के गुस्से पर चर्चा की गई है।
8- फेमिनिस्ट थ्योरीः फ्रॉम मॉर्जिन टू सेंटर
यह किताब नारीवादी आंदोलन के भविष्य का विश्लेषण करती है। इस किताब का लेख 1980 के दशक से मुख्यधारा तक की नारीवादी सोच का मूल्याकंन किया गया। साथ ही उन्होंने पाठकों को यह बात सोचने पर मजबूर किया कि कैसे नस्लवाद और वर्ग दोनों लैंगिग भेदभाव से जुड़े हुए है। बेल हुक्स के इस विषय में दिए तर्क आज भी बने हुए है।
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तस्वीर साभारः Oprah Daily