कितना अजीब हैं न, 18 के होते ही आप वोट डाल सकते हैं, लेकिन 21 के होने के बाद भी आप खुद के लिए पार्टनर नहीं चुन सकते। हमारे समाज में अरेंज्ड मैरिज वह सामाजिक संस्था है जो पितृसत्ता, जातिवाद और ब्राह्माणवाद की उपज है। वैलंटाइंस डे के मौके पर तो अगर पब्लिक जगहों पर दो बालिग आपस में मिलते हैं तो उनकी मोरल पुलिसिंग की जाती है। वहीं, कई जगहों पर तो बकायदा कई दल पार्कों, रेस्तरां जैसी जगहों पर लोगों को खदेड़ते या परेशान करते दिख जाते हैं। तो आइए, जानते हैं कि आखिर क्यों समाज को दिक्कत है, जब हम खुद की मर्ज़ी से अपना पार्टनर चुनते हैं या अपनी पसंद का इज़हार करते हैं।