स्वास्थ्य महिला-शरीर पर शर्म के बीच वजाइनल इंफ़ेक्शन और वाइट डिस्चार्ज की बात | नारीवाद चश्मा

महिला-शरीर पर शर्म के बीच वजाइनल इंफ़ेक्शन और वाइट डिस्चार्ज की बात | नारीवाद चश्मा

महिला शरीर को पितृसत्ता ने हमेशा एक रहस्य बने रहने को ऐसे बताया और रचाया है कि महिलाएँ ख़ुद भी अपने शरीर, खासकर निजी अंगों से जुड़ी समस्याएँ शेयर करने में हिचकती है।

हमलोग अक्सर गाँव-शहर की दीवारों पर पुरुषों के नामर्द या बवासीर जैसी बीमारियों के लिए नीम-हकीम के इशतेहार देखते है, जिसमें बक़ायदा उस बीमारी के बारे में जानकारी और इलाज के बारे में बताया जाता है। पुरुषों के शरीर पर हमारा समाज बात करने और उसे स्वस्थ रखने की पैरोकारी करता है। लेकिन जैसे ही बात महिला शरीर की आती है तो स्वास्थ्य के मुद्दे की ये सामाजिक पैरोकारी अपना रुख़ बदल लेती है।

यही वजह है कि अपने समाज में महिलाओं के शरीर को हमेशा शर्म से जोड़ा जाता है। ना,,ना! तब नहीं जब उनकी आँखों और ज़ुल्फ़ों पर गाने बनते हैं बल्कि तब जब महिलाएँ खुद अपने स्तनों या गुप्तांगों के बारे में बात करती हैं या इससे जुड़ी समस्याओं को शेयर करती है या महिला स्वास्थ्य की पैरोकारी करती है। महिला शरीर को पितृसत्ता ने हमेशा एक रहस्य बने रहने को ऐसे बताया और रचाया है कि महिलाएँ ख़ुद भी अपने शरीर, खासकर निजी अंगों से जुड़ी समस्याएँ शेयर करने में हिचकती है। तो आइए आज बात करते है महिला-शरीर से जुड़ी ऐसी ही समस्याओं का, जिसका सामना अक्सर महिलाओं को करना पड़ता है – वजाइनल इंफ़ेक्शन और वाइट डिस्चार्ज। 

वजाइना जिसे हम हिंदी में योनि भी कहते है, ये महिलाओं का ज़ननांग यानी कि रिप्रोडक्टिव ऑर्गन होता है जिसे हम हिंदी में योनि और अंग्रेज़ी में वजाइना कहते है। जब हम महिलाओं में होने वाले वजाइनल इंफ़ेक्शन की बात करते है तो इसमें प्रमुख है यीस्ट इंफेक्शन। कैंडिडा एल्बिकांस नाम के फंगस की वजह से ये इंफेक्शन होता है। कई बार प्लास्टिक पैड्स, टैंपून्स, रेजर, पसीना या फेमिनीन डियोड्रेन्ट्स के कारण ये इंफ़ेक्शन हो सकता है।  इसके अलावा शरीर में हॉर्मोनल बदलाव होने के कारण यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है।

क्या वजाइना में यीस्ट होना ख़तरनाक है?

जी नहीं। वजाइना में थोड़ा यीस्ट होना सामान्य है, लेकिन कभी-कभी ये बैलेंस गड़बड़ हो जाता है और यीस्ट की मात्रा बढ़ जाती है। हार्मोन्स में बदलाव, एंटीबायोटिक लेने और कसे हुए गीले कपड़े पहनने की वजह से इंफ़ेक्शन हो सकता है।

क्या है वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन के लक्षण ?

1.    इसका मूल लक्षण है वजाइना में दर्द और गाढ़ा डिस्चार्ज होना।  

2.    वजाइना में या इसके आसपास खुजली और दर्द भी महसूस हो सकता है।

3.    वजाइना के आसपास की स्किन लाल हो जाती है।

4.    इंटरकोर्स के दौरान तकलीफ होना और यूरिन में चुभन महसूस होना।

वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन से बचने के लिए इन ज़रूरी बातों का ध्यान रखें :

1.     पीरियड्स के दौरान पर्सनल हाइजीन का ख़ास ध्यान रखें।

2.     वजाइना को केवल सादे पानी से धोएं, साबुन का इस्तेमाल न करें।

3.     अगर आपके सेक्सुअल पार्ट्नर को कोई इंफ़ेक्शन हो तो इंटरकोर्स से बचें।

4.     हमेशा अच्छी क्वॉलिटी के कॉटन अंडरगारमेंट्स का इस्तमेाल करें।

5.     मिठाई, सॉफ्ट ड्रिंक्स और चॉकलेट, पेस्ट्री जैसी चीज़ों का सेवन लिमिटेड मात्रा में करें।

इंफ़ेक्शन से जुड़े कोई भी लक्षण होने पर ख़ुद से कोई भी दवा लेने की बजाय बिना देर किए डॉक्टर की सलाह लें।

और पढ़ें : सेक्स थेरेपी: बात शर्म, टॉक्सिक मर्दानगी और टैबू की

वाइट डिस्चार्ज

अब हम बात करते है वाइट डिस्चार्ज या वजाइनल डिस्चार्ज की। महिलाओं के वजाइना से वाइट डिस्चार्ज होना सामान्य है, ये वजाइना के स्वस्थ और सुरक्षित होने का संकेत देता है। लेकिन जैसे ही वजाइना में किसी भी तरह के इंफ़ेक्शन की शुरुआत होती है तो इसका सीधा असर वाइट डिस्चार्ज में देखने को मिलता है। आमतौर पर लड़कियों में पीरियड शुरू होने के साथ-साथ यानी कि प्यूबर्टी की एज से वाइट डिस्चार्ज होना शुरू होता है। अक्सर महिलाओं ने वाइट डिस्चार्ज की समस्या देखने को मिलती है और जिन महिलाओं को वाइट डिस्चार्ज ज़्यादा होता है उन्हें कई गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। यूँ तो कुछ कंडीशन में वाइट डिस्चार्ज सामान्य होता है, लेकिन कुछ कंडीशन ये असामान्य भी होता है।

जनरली पीरियड शुरू होने के बाद से वाइट डिस्चार्ज शुरू हो जाता है। फिर हर महीने पीरियड्स के पहले और बाद में होने वाला वाइट डिस्चार्ज  नॉर्मल  माना जाता है। अगर इसके साथ कुछ परेशानियां ना जुड़ी हों तब।वाइट डिस्चार्ज से हम अपनी वजाइनल हेल्थ और हाइजीन के बारे में जान सकते है। इसे अच्छे से समझने के लिए वाइट डिस्चार्ज को चार टाइप में बाँटा जा सकता है –

1.    गाढ़ा – सफ़ेद डिस्चार्ज – ये नॉर्मल डिस्चार्ज है और इसका मतलब है आप स्वस्थ है। लेकिन अगर इसके साथ जलन, बदबू या खुजली की समस्या हो तो ये यीस्ट इंफ़ेक्शन होने का लक्षण है।

2.    येलो वजाइनल डिस्चार्ज –  ये बिल्कुल भी नॉर्मल नहीं है। ये सेक्स से होने वाले इंफ़ेक्शन की ओर इशारा करता है।

3.    ब्राउन वजाइनल डिस्चार्ज – ये इरेग्युलर पीरियड का लक्षण है। कई बार मेनोपोज के समय भी ब्राउन वजाइनल डिस्चार्ज होता है। ऐसा होने पर डॉक्टर से ज़रूर मिले क्योंकि कई बार ये सर्वाइकल कैंसर का लक्षण भी हो सकता है।

4.    ग्रीन वजाइनल डिस्चार्ज – ये बैक्टीरियल और सेक्सुअल इंफ़ेक्शन का लक्षण है।

वजाइनल डिस्चार्ज को लेकर हमेशा अलर्ट रहे, ये आपको कई गंभीर बीमारियों और इंफ़ेक्शन की समस्या से बचा सकता है। अगर आपको भी वजाइनल इंफ़ेक्शन या वाइट डिस्चार्ज से जुड़ी कोई भी समस्या है तो अपने डॉक्टर से बिना देर किए मिले। और महिला स्वास्थ्य के मुद्दे पर चर्चा करें और जागरूक हों। हम जब भी महिला सशक्तिकरण, अधिकार या जेंडर समानता की बात करते है तो इसमें स्वास्थ्य एक अहम विषय है, जिसे उजागर कर नारीवादी नज़रिए से इनपर चर्चा बेहद ज़रूरी है। साथ ही, याद रखें कोई भी बदलाव अचानक नहीं आता है और अगर बात अपने हक़ की है तो इसकी पहल भी हमें करनी होगी। इसलिए शर्म को तोड़कर चर्चा पर आइए और स्वस्थ समाज बनाइए।

और पढ़ें : असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी रेगुलेशन बिल 2020 : कितना समावेशी है महिला सशक्तिकरण के दावे करता यह बिल


तस्वीर साभार : bbc.com

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