स्वास्थ्य इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ः उपचार के दौरान महिलाओं के अनुभवों को भी ध्यान में रखने की ज़रूरत

इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ः उपचार के दौरान महिलाओं के अनुभवों को भी ध्यान में रखने की ज़रूरत

इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ उन स्थितियों का समूह है जो पाचन तंत्र पर असर डालती है। इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ (आईबीडी) में पाचन तंत्र पर सूजन और दर्द होता है। इस वजह से पेट फूलना, भोजन पाचन में समस्या आदि आती है।

किसी भी बीमारी का हर व्यक्ति पर अलग प्रभाव पड़ता है। विशेषतौर पर महिला और पुरुष दोंनो में होने वाली कुछ बीमारियों का असर उनके शरीर की बनावट की वजह से अलग-अलग पड़ता है। इसलिए इन बीमारियों के उपचार और जांच में इस पहलू को हमेशा ध्यान में रखने की आवश्यकता है। ऐसी ही एक बीमारी है इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ जो एक पुरुष और महिला में से किसी को भी हो सकती है लेकिन यह दोंनो को अलग तरीके से प्रभावित करती है। हर शरीर में इसके अलग जोखिम देखने को मिलते है। आज इस लेख के माध्यम से हम बात करेंगे इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज के बारे में। 

इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ उन स्थितियों का समूह है जो पाचन तंत्र पर असर डालती है। इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ (आईबीडी) में पाचन तंत्र पर सूजन और दर्द होता है। इस वजह से पेट फूलना, भोजन पाचन में समस्या आदि आती है। आईबीडी के मुख्य प्रकार अल्सरेटिव, कोलाइटिस और क्रोहन है। इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ पीरियड्स होने वाले लोगों को कई तरीके से प्रभावित करता है। इसके लक्षण पीरियड्स के दौरान बहुत भीषण हो सकते है और यह गर्भवती होने में भी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। साइंस डायरेक्ट.कॉम के अनुसार सभी तरह की इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ की आधे से अधिक मरीज महिलाएं हैं। यह बहुत ज़रूरी है कि डॉक्टर को आईबीडी के साथ महिलाओं की जेंडर आधारित विशिष्ट लक्षणों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। 

तस्वीर साभारः Patient.gastro.com

इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ के लक्षण अलग-अलग होते हैं। समय पर इस समस्या पर ध्यान न देने पर ये हल्के से लेकर बहुत गंभीर हो सकते हैं। इस दौरान डायरिया, थकावट, पेट दर्द और ऐठन, भूख में कमी, कब्ज़, वजन कम होना जैसे वे लक्षण है जो महिला और पुरुष दोंनो में देखे जा सकते हैं। अगर महिलाओं की बात करें तो यह अन्य तरीकों से भी उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। 

मेंस्ट्रुअल साइकिल पर पड़ता है असर

आईबीडी की वजह से मेंस्ट्रुअल संबंधी कुछ समस्याएं अधिक हो जाती हैं। इस वजह से प्रीमेंस्ट्रुअल लक्षण जैसे सिर दर्द, मेंस्ट्रुअल दर्द अधिक हो जाता है। हेल्थलाइन में प्रकाशित जानकारी के अनुसार पाचन तंत्र पर सूजन हार्मोन के लेवल पर भी असर डालता है। यह शरीर में हार्मोन संतुलन को प्रभावित कर मेंस्ट्रुअल साइकिल पर असर डालता है। इससे न केवल पीरियड्स की अवधि प्रभावित होती है बल्कि यह उसे बहुत दर्दनाक भी बनाता है। इस स्थिति में तनाव होने की संभावना बहुत ज्यादा बन जाती है।     

शरीर में खून की कमी होने का कारण

लंबे समय तक पाचन तंत्र पर सूजन और जलन की वजह से यह शरीर में आयरन को ऑबर्जव करने की क्षमता को बहुत प्रभावित करती है। खून में आयरन की कमी होने की वजह से शरीर में एनीमिया होने की संभावना बनी रहती है। महिलाओं के शरीर में एनीमिया होने का खतरा सबसे ज्यादा बना रहता है। पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होने की वजह शरीर में खून की कमी होने का डर बना रहता है।

इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ उन स्थितियों का समूह है जो पाचन तंत्र पर असर डालती है। इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ (आईबीडी) में पाचन तंत्र पर सूजन और दर्द होता है। इस वजह से पेट फूलना, भोजन पाचन में समस्या आदि आती है। आईबीडी के मुख्य प्रकार अल्सरेटिव, कोलाइटिस और क्रोहन है। इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ पीरियड्स होने वाले लोगों को कई तरीके से प्रभावित करता है।

प्रजनन क्षमता पर असर

टेम्प हेल्थ नामक वेबसाइट पर प्रकाशित जानकारी के अनुसार इस स्थिति में अधिक लक्षण बिगड़ जाने की वजह से इसका असर महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। कुछ अपवादों में आईबीडी वाली महिलाओं में प्रजनन क्षमता में कमी नहीं होती है, लेकिन इससे गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता है। प्रेंगनेसी के लिए सोचने वाली महिलाओं को इस समस्या के समाधान के लिए डॉक्टर से मिलकर इसका उपचार करना चाहिए। इससे गर्भावस्था के दौरान पैदा होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। 

हड्डियां कमज़ोर होने की संभावना

महिलाओं को आस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों में कमजोरी की समस्या का सामना अमूमन करना पड़ता है। जब एक महिला मेनोपॉज की स्थिति में होती है तो उसके शरीर में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव की वजह से यह समस्या देखी जाती है। जो महिलाएं बाउज डिसीज़ का सामना कर रही होती है उन्हें मेनोपॉज से पहले ही आस्टियोपोरोसिस की समस्या बन जाती है। ख़ासतौर पर जब वे शरीरे में पोषक तत्वों की कमी का सामना कर रही हो और या फिर किसी स्टेरॉइड का सेवन किया हो। क्रोहन एंड कोलाइटिस फाउंडेशन के अनुसार , क्रोहन रोग का सामना करने वाले 30 से 60 प्रतिशत लोगों को हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।  

इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ के लक्षण अलग-अलग होते हैं। समय पर इस समस्या पर ध्यान न देने पर ये हल्के से लेकर बहुत गंभीर हो सकते हैं। इस दौरान डायरिया, थकावट, पेट दर्द और ऐठन, भूख में कमी, कब्ज़, वजन कम होना जैसे वे लक्षण है जो महिला और पुरुष दोंनो में देखे जा सकते हैं।

महिलाओं के यौन स्वास्थ्य पर असर

आईबीडी जैसी बीमारी होने पर बॉडी इमेज और सेक्सुलिटी पर नकारात्मक असर पड़ता है। ऑक्सफोर्ड एकेडमिक में छपी जानकारी के अनुसार बहुत से अध्ययनों में यह बात सामने निकलकर आई है कि इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ यौन स्वास्थ्य और रिश्तों को प्रभावित करता है। क्रोहन रोग होने का पुरुषों की तुलना में महिलाओं में 20 से 30 प्रतिशत अधिक जोखिम है। लगभग 40 फीसदी  महिलाओं को किसी न किसी तरह है यौन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पेट फूलने जैसी समस्या की वजह से शरीर की बनावट पर असर पड़ता है। यह मनोवैज्ञानिक तौर पर भी प्रभावित करता है। 

आईबीडी के निदान में जेंडर के मुद्दे बहुत ज़रूरी है

इंफिलिमेंटरी बाउल डिसीज से प्रभावित महिलाओं के इलाज के लिए जेंडर विशिष्ट ज़रूरतें होती हैं जिनपर ध्यान देने की बहुत आवश्यकता है। इस बात का डॉक्टर चिकित्सा देते समय बहुत ध्यान रखना चाहिए। प्राइमरी केयर फिजिशन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ जैसे स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले समूह को इस बात का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। मेडिकल साइंस में होने वाले लैंगिक भेदभाव की वजह से अक्सर इस पहलू को नज़रअदाज़ करने का चलन बना हुआ है।


Leave a Reply

संबंधित लेख

Skip to content