पीरियड्स को लेकर हमारे समाज में जागरूकता बढ़ रही है। हालांकि, अभी भी बहुत से लोग इसे एक शर्म का विषय मानते हैं। पीरियड्स के विषय पर हर क्षेत्र में खुलकर बात नहीं होती है। लेकिन बाजार और प्रतिस्पर्धा के दौर में पीरियड्स प्रोडक्ट के तरह-तरह के उत्पाद विकल्प बनकर मौजूद हैं। धीरे-धीरे सैनेटरी पैड्स से अलग टैम्पोन, मेंस्ट्रुअल कप आदि का इस्तेमाल करने का चलन बढ़ा है। इन्ही विकल्पों में से एक पीरियड्स अंडरवियर्स भी है। आम अंडरवियर्स की तरह दिखने वाले यह पीरियड्स अंडरवियर्स आपके पीरियड्स के समय बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं। पीरियड्स अंडरवियर्स उस वक्त और भी फायदेमंद हो जाते हैं जब पीरियड्स प्रोडक्ट के कचरे की वजह से पर्यावरण पर पड़ने वाले असर की वजह से सस्टेनबल विकल्प को अपनाने पर ज़ोर दिया जाता है। आइए जानते हैं पीरियड्स अंडरवियर्स के बारे में।
पीरियड्स अंडरवियर्स किसी भी आम अंडरवियर्स की तरह ही दिखते हैं। मगर पीरियड अंडरवियर्स को ख़ासतौर पर पीरियड्स के लिए डिजाइन किया गया है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे यह मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग को सोखने में इस्तेमाल की जा सकती है। यह लोगों की मेंस्ट्रुअल हाइजीन का भी ख्याल रखती है। इसमें माइक्रोफाइबर पॉलीएस्टर कपड़ा होता है, जो मेंस्ट्रुअल ब्लड यानी कि पीरियड्स के दौरान होने वाले रक्त स्राव को सोख लेता है।
सामान्य अंडरवियर्स में आपको पीरियड्स के समय सैनिटरी पैड लगाना पड़ता है, वहीं पीरियड्स अंडरवियर्स में बिना सैनिटरी पैड लगाए यह खून को सोख लेते हैं। आमतौर पर एक पीरियड्स अंडरवियर 5 से 6 घंटे तक ब्लड फ्लो को आसानी से सोख सकता है। जिन लोगों में मेंस्ट्रुअल ब्लड फ्लो यानी रक्त स्राव कम होता है, उनके लिए यह 6 घंटे से ज्यादा समय तक रक्त सोख सकती है। यह पूरी तरह आपके फ्लो पर निर्भर करता है कि आपको कितने समय में इसे बदलने की आवश्यकता है। पीरियड्स अंडरवियर्स की एब्सोर्ड लेयर सैनिटरी पैड्स के मुकाबले बहुत पतली होती है जिस वजह से यह इस्तेमाल करने में आरामदायक भी होते हैं।
भारत में लगभग 121 मिलियन लड़कियां और औरतें पीरियड्स के समय पैड्स का इस्तेमाल करती हैं। हर साल लगभग 12.3 बिलियन सैनिटरी पैड्स का कचरा बनता है। जिनको नष्ट करना आज के समय की बहुत गंभीर चिंता है। अधिकतर पैड्स में 90 प्रतिशत तक प्लास्टिक होता है।
पीरियड्स अंडरवियर्स ऑनलाइन और दुकानों पर आपको आसानी से मिल जाएंगे। अगर साइज की बात करें तो पीरियड्स अंडरवियर्स हर तरह के साइज में उपलब्ध हैं। ये अलग-अलग रंगों में भी उपलब्ध है। ये बाज़ार में अलग-अलग कीमत पर उपलब्ध है। एक पीरियड्स अंडरवियर्स लगभग दो साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
पीरियड्स अंडरवियर्स के रख-रखाव के समय सावधानियां
पीरियड्स अंडरवियर्स को आसानी से खुद या फिर वाशिंग मशीन में धोया जा सकता है। अगर आप इसे हाथ से धो रहे हैं तो ध्यान रखें कि इसे ठंडे पानी से धुलें। ठंडा पानी खून को हटाने में मदद करता है और अन्य फ्लूड को भी निकाल देता है। सबसे पहले इसे ठंडे पानी में डुबाकर कुछ देर के लिए छोड़ देना चाहिए और ब्लड को पानी में अच्छे से हटने देना चाहिए। इसके बाद अच्छे से साफ करने के बाद धूप में सुखाना चाहिए क्योंकि इसमें नमी रह गई तो इंफेक्शन हो सकता है। साथ ही पीरियड्स अंडरवियर्स की धुलाई में किसी भी तरह के हार्ड डिटर्जेंड या विनेगर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
पीरियड्स अंडरवियर्स को इस्तेमाल करने के अनुभव
पीरियड्स अंडरवियर्स के इस्तेमाल करने के अपने अनुभव के बारे में शिवानी बताती हैं कि आमतौर पर जब हम रात के समय पैड लगाकर सोते हैं तो कई बार बिस्तर और कपड़ों में खून की धब्बे पड़ जाते हैं जिसकी वजह से मूड भी खराब होता है। पीरियड्स अंडरवियर्स रात के समय लगने वाले इन धब्बों से निजात दिलाता है। कई बार पैड के इधर-उधर खिसक जाने से कपड़ों में दाग लग जाते हैं पीरियड्स अंडरवियर्स में यह समस्या नहीं होती है।
वहीं, नेहा का कहना है, “जहां सैनिटरी पैड को दिन भर एडजस्ट करना पड़ता है और टैम्पोन थोड़ा अनकम्फर्टेबल लगते हैं। वहीं पीरियड्स अंडरवियर्स में ये परेशानियां नहीं होती हैं। ये काफी कम्फर्टेबल भी होते हैं। पैड्स इस्तेमाल करने से रेसेज हो जाते हैं, इसकी वजह से चलने फिरने में दिक्कत आती है। पीरियड्स अंडरवियर्स में रैसेज़ नहीं होते हैं। इस वजह से मुझे पीरियड्स के दौरान काम करने और बाहर आने-जाने में परेशानी नहीं होती है।”
पोस्टपार्टम ब्लीडिंग में सहायक
डिलीवरी के बाद महिलाओं को चार से छह हफ्ते तक रक्तस्राव होता है जिसे पोस्टपार्टम ब्लीडिंग कहा जाता है। इस दौरान कुछ पैड्स का इस्तेमाल करते हैं तो कुछ टैम्पोन का प्रयोग करते हैं। वैसे इस समय में टैम्पोन पहनना ठीक नहीं होता है और पैड्स भी सुविधाजनक नहीं होते है। कई हफ्तों तक चलने वाली इस ब्लीडिंग में सैनिटरी पैड्स की वजह से खुजली और रैशेज की समस्या होती है। वहीं महिलाएं कपड़ो का भी इस्तेमाल करती है जिससे इंफेक्शन होने का खतरा होता है। इन सब परेशानियों से बचने के लिए पीरियड्स अंडरवियर्स ऐसे समय में काफी सुविधाजनक साबित हो सकते हैं।
पर्यावरण के लिए मुफीद है पीरियड्स अंडरवियर्स
अगर पर्यावरण के लिहाज से देखें तो पीरियड्स अंडरवियर्स बहुत लाभदायक है। हम यह जानते हैं कि अधिकतर पैड बायोडिग्रेडेबल नहीं होते हैं। डाउन टू अर्थ में प्रकाशित ख़बर के अनुसार आंकड़ों की माने तो भारत में लगभग 121 मिलियन लड़कियां और औरतें पीरियड्स के समय पैड्स का इस्तेमाल करती हैं। हर साल लगभग 12.3 बिलियन सैनिटरी पैड्स का कचरा बनता है। जिनको नष्ट करना आज के समय की बहुत गंभीर चिंता है। अधिकतर पैड्स में 90 प्रतिशत तक प्लास्टिक होता है। एक पैड चार पॉलिथीन बैगों के बराबर होता है। एक सिंगल सैनिटरी पैड को खत्म होने में 500 से 600 साल का समय लेता है।
सैनिटरी नैपकिन से पैदा कचरा भारत के लिए एक बड़ी समस्या है। ऐसे में सस्टेनेबल मेंस्ट्रुएशन की ओर एक कदम बढ़ाने के लिए पीरियड्स अंडरवियर्स एक बेहतर विकल्प है। हालांकि हर वर्ग, क्षेत्र के लिए पीरियड्स के दौरान प्रोडक्ट इस्तेमाल करना अभी भी पहुंच में नहीं है। ऐसे में इको-फ्रैंडली पीरियड्स प्रोडक्ट इसलिए भी फायदेमंद है क्योंकि यह एक खरीद कर लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है।