स्वास्थ्य मेनोपॉज केयर के नाम पर बाज़ार का बढ़ता हस्तक्षेप

मेनोपॉज केयर के नाम पर बाज़ार का बढ़ता हस्तक्षेप

नार्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसायटी के अनुसार साल 2025 तक दुनियाभर में पोस्ट मेनोपॉज का सामना करने वाली महिलाओं की संख्या 1.1 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है।

क्या आप जानते हैं दुनिया में लाखों लोग हर साल मेनोपॉज का अनुभव करते हैं? मेनोपॉज एक ऐसी स्थिति है जिस पर बहुत कम बातचीत होती है और इसे बहुत कम समझा जाता है। मेनोपॉज, पीरियड्स होने वाले लोगों के शरीर में होने वाला एक प्राकृतिक बदलाव है। इस बदलाव से शारीरिक और मानसिक कई प्रभाव होते हैं और अधिक समस्या होने पर उपचार भी मौजूद है। वर्तमान के पूंजीवाद दौर में बाज़ार की इसे सकारात्मकता भी कह सकते है और मुनाफा कमाने की होड भी कि अनदेखा की जाने वाली चीजों और रूढ़िवादी सोच को पीछे धकेलते हुए विषय को केंद्र में लाकर बात की जा रही है। 

पेशेवर चिकित्सकों से लेकर पीरियड्स होने वाले लोगों तक में मेनोपॉज से संबंधित स्थिति को लेकर चर्चा की भारी कमी है। एएआरपी के अनुसार अमेरिका में केवल 20 फीसदी OB-GYN रेजीडेंसी कार्यक्रम मेनोपॉज में ट्रेनिंग हासिल करते हैं। परिणामस्वरूप बहुत से चिकित्सक पेशेवरों के पास मेनोपॉज के लक्षणों का निदान और उपचार करने के लिए ट्रेनिंग नहीं होती है। इस वजह से भी मेनोपॉज का सामना करने वाले लोगों के पास अपर्याप्त विकल्प और सहायता रह जाती है। इस वजह से मेनोपॉज और पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को मैनेज करना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। इससे उनके निजी और पेशेवर जीवन पर ख़ासा असर पड़ता है। अमेरिका में हुए एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार 10 में से 4 महिलाओं का कहना है कि मेनोपॉज के लक्षण कम से कम उनके काम करने प्रदर्शन और उत्पादकता को साप्ताहिक तौर पर प्रभावित करते हैं। 17 फीसदी महिलाओं का कहना था कि उन्होंने मेनोपॉज के लक्षणों की वजह से नौकरी छोड़ दी है या छोड़ने का सोच रही है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ वार्षिक ग्लोबल आर्थिक प्रभाव की वजह से उत्पादकता हानि और हेल्थकेयर कोस्ट लगभग 150 बिलियन यूएस डॉलर है। मेनोपॉज की वजह से लोगों को मूड स्विंग, वजाइनल ड्राईनेस, तेजी से गर्मी लगना, पसीना, नींद में परेशानी, बालों का झड़ना आदि का सामना करना पड़ता है। नार्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसायटी के अनुसार साल 2025 तक दुनियाभर में पोस्ट मेनोपॉज का सामना करने वाली महिलाओं की संख्या 1.1 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है।

मेनोपॉज मार्किट रिपोर्ट 2023-33 के अनुसार यह बाज़ार 2023 में 17.33 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार करने की उम्मीद है। 2023 से 2033 तक मेनोपॉज मार्किट उल्लेखनीय वृद्धि के लिए तैयार है जो बढ़ती आबादी, बढ़ती जागरूकता, तकनीकी विकास और अधिक स्वास्थ्य देखभाल खर्च जैसे अलग कारकों से प्रेरित है।

हाल के कुछ समय से मेनोपॉज से संबंधित सूचाओं और प्रॉडक्ट के बाज़ार में कपंनियों और मार्केटिंग में वृद्धि हुई है। बहुत से स्टार्टअप स्थापित किए जा चुके हैं। बाज़ार के परिदृश्य से बात करें तो मेनोपॉज में देखभाल के लिए न्यूट्रिशयन स्पलीमेंट और अन्य प्रोडक्ट मेनोपॉज से गुजरने वाले लोगों के बनाए जा रहे हैं। इस तरह से मेनोपॉज केयर मार्किट विस्तार कर रही है। मेनोपॉज बाज़ार केवल थेरेपी और मेन्स्ट्रुअल वेलनेस और केयर तक ही सीमित नहीं है। मेनोपॉज प्रोडक्ट और थेरेपी में इस्तेमाल होने वाली दवाईयों का बाज़ार भी बढ़ रहा है। मेनोपॉज टेस्टिंग किट, मेनोपॉज सप्लीमेंट, मेनोपॉज स्किन केयर, मेनोपॉज डाइट, मेनोपॉज ब्रेसलेट फॉर हॉट फ्लैश रिलीफ, मेनोपॉज हेयर केयर नाम से अलग-अलग प्रॉडक्ट मार्किट में उपलब्ध है। 

तस्वीर साभारः Education Week

समय के साथ मेनोपॉज केयर के बाज़ार में तेजी से वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है। मेनोपॉज मार्किट रिपोर्ट 2023-33 के अनुसार यह बाज़ार 2023 में 17.33 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार करने की उम्मीद है। 2023 से 2033 तक मेनोपॉज मार्किट उल्लेखनीय वृद्धि के लिए तैयार है जो बढ़ती आबादी, बढ़ती जागरूकता, तकनीकी विकास और अधिक स्वास्थ्य देखभाल खर्च जैसे अलग कारकों से प्रेरित है। मेनोपॉज के बारे में बढ़ती जागरूकता और प्रचार-प्रसार के साथ लोग बेहतर उपचार के विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। वैश्विक स्तर पर उम्रदराज आबादी मेनोपॉज महिलाओं की संख्या भी बढ़ाएगी जिससे मेनोपॉज की दवाओं का बाज़ार भी वृद्धि करेगा। बाज़ार में मेनोपॉज में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए मार्केटिंग करने वाली कंपनियों में वृद्धि हुई है। अलॉय और एवरनाउ सहित टेलीहेल्थ स्टार्टअप से लेकर स्ट्राइप्स जैसे सेलिब्रिटी समर्थित ब्रांड में मेनोपॉज के विषय पर निवेश किया जा रहा है।   

फंडिंग और सामाजिक जागरूकता ने ब्रांडों को इस दिशा में सोचने पर मजबूर किया है और बेहतर योजना बनाकर बाज़ार में प्रतिस्पर्धा तक को बढ़ाया है। आज मेनोपॉज बाज़ार को और वास्तविक और आवश्यक बनाने के लिए इसके प्रचार, डिजाइन और प्रॉडक्ट की प्रस्तुति की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। डिजाइन के प्रति मेनोपॉज मार्केटिंग शुरुआती दौर से बिल्कुल अलग है जो 1940 के दशक की थी। जब इसे और अभी भी ठीक होने वाली बीमारी माना जाता है और मार्केटिंग पूरी तरह लैंगिक रूढ़िवाद पर आधारित बनी हुई थी। मेनोपॉज के विषय में बढ़ती जानकारी और बढ़ते बाजार के कारण कंपनियों ने अपनी ब्रांडिंग में बदलाव किया है। यही वजह है कि मेनोपॉज सेल्फ केयर ब्रांड वूमनेस ने अपने सोशल चैनलों के लिए पुराने विज्ञापनों को नये तरीके से बनाया ताकि यह दिखाया जा सके कि उद्योग कितना विकसित हुआ है।

कुछ ब्रांड बीते समय से लगातार इस दिशा में आगे बढ़ रहे है। एक वेबसाइट में प्रकाशित जानकारी के अनुसार माल्टेसर्स, हॉलैंड और बैरेट ने मी.नी. पॉज अभियान के विचार के साथ टीएफएल 2019 की प्रतियोगिता जीती। इससे आगे टेना नामक ब्रांड ने मध्य पूर्व के क्षेत्र में मेनोपॉज की धारणाओं को चुनौती देने के लिए एक विज्ञापन बनाया। इस क्षेत्र में अरबी में मेनोपॉज के लिए निराशा का युग के लिए इस्तेमाल होता है। ब्रांड मेनोपॉज के लक्षणों को समझकर उन्हें नज़रअंदाज न करने में मदद कर रहे है साथ ही संवेदना दे रहे है कि वे अकेली नहीं है। 

मेनोपॉज प्रोडक्ट और थेरेपी में इस्तेमाल होने वाली दवाईयों का बाज़ार भी बढ़ रहा है। मेनोपॉज टेस्टिंग किट, मेनोपॉज सप्लीमेंट, मेनोपॉज स्किन केयर, मेनोपॉज डाइट, मेनोपॉज ब्रेसलेट फॉर हॉट फ्लैश रिलीफ, मेनोपॉज हेयर केयर नाम से अलग-अलग प्रॉडक्ट मार्किट में उपलब्ध है। 

मेनोपॉज जीवन का अंत नहीं बल्कि यह जीवन का नया अध्याय है जिसे समझने के लिए इस सेक्टर में उतरने वाली कंपनियां भुना रही है। मेजोपॉज के विषय पर बढ़ती चर्चा की वजह से बड़ी संख्या में कंपनियां यूरोप में मेनोपॉज को शामिल करने वाली नीतियां बना रही है। एक आर्टिकल में छपी जानकारी के मुताबिक़ बीते वर्ष सितंबर में डेविड मैकनिकले और सिंडी एक्सने ने मेनोपॉज रिसर्च अधिनियम पेश करते हुए साल 2023 और 2024 में नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में इस दिशा में 100 मिलियन यूएस डॉलर लगाने का ऐलान किया था। 
मेनोपॉज के मार्केटिंग के बाज़ार में फेमटेक कंपनियां भी काम कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ फीमेल फाउंडर्स फंड की एक निवेशक एड्रियाना सैमनीगो ने पिछले साल क्रंचबेस न्यूज़ को बताया था कि केवल 5 फीसदी फेमटेक स्टार्टअप मेनोपॉज को एड्रेस कर रहे है। उनके अनुसार यह एक बड़ा अवसर है। प्रजनन क्षमता नौ महीने की होती है जबकि मेनोपॉज बड़ा समय लेती है। बाज़ार में मेनोपॉज केयर से संबंधित उत्पाद की संख्या बढ़ती जा रही है। ब्रांड और मार्केटिंग हर लिहाज में जीवन के इस चरण को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है। इन सबके बीच प्रांसगिक और पदार्थों की प्रामणिकता पर ध्यान देने की भी बहुत आवश्यक है। इतिहास से लेकर वर्तमान तक बात जब प्रजनन स्वास्थ्य और महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे की आती है तो बाज़ार में उसमें लैंगिकवाद की गहरी जड़ है। कंपनियों के ये कदम अगर मुनाफे को लेकर आगे बढ़ रहे है तो इससे सिर्फ बाज़ार बढ़ेगा और स्वास्थ्य और रूढ़िवाद को खत्म करने का मुद्दा पीछे रह जाएगा। 

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