स्वास्थ्यशारीरिक स्वास्थ्य मेनोपॉज़ क्या औरतों में सेक्स की इच्छा को खत्म कर देता है?

मेनोपॉज़ क्या औरतों में सेक्स की इच्छा को खत्म कर देता है?

सेक्स की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती है। हालांकि मेनोपॉज़ के बाद शरीर में बनने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन में काफ़ी गिरावट आ जाती है, जिसकी वजह से योनि (वजाइना) पहले की तरह लुब्रीकेट नहीं होती यानि कि ड्राई रहती है।

“अब पीरियड्स स्किप होने लगे हैं। लगता है कि कुछ समय बाद पीरियड्स आना बंद हो जाएंगे। शारीरिक संबंध बनाने का भी मन नहीं करता है। वैसे भी कहा जाता है, मेनोपॉज के बाद सेक्स करने की इच्छा खत्म हो जाती है।” यह कहते हुए रीता (बदला हुआ नाम) के चेहरे के भाव उदासीन नज़र आते हैं। उनकी उम्र 46 साल है। हमारे समाज में माना जाता है कि मर्दों की ‘जवानी’ ताड़ के वृक्ष जैसी लंबी होती है। वहीं, औरतों के लिए यह कहा जाता है कि औरतें 40 के बाद ‘अनडिज़ायरेबल’ हो जाती हैं। इसके पीछे वजह यह है कि 40-45 की उम्र के बाद महिलाओं में मेनोपॉज़ होना शुरू हो जाता है। 

एक उम्र के बाद महिलाओं की ओवरी में फॉलिकल प्रोडक्शन खत्म हो जाता है। इसकी वजह से पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। यह कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। 40-45 की उम्र के बाद पीरियड्स आना एकदम से बंद नहीं हो जाता, धीरे-धीरे ऐसा होता है। इस दौरान कभी पीरियड्स में ब्लड फ्लो ज्यादा होता है तो कभी कम। कभी 10 दिन के अंतर में ही पीरियड्स आ जाते हैं तो कभी 2-3 महीने तक नहीं आते। धीरे-धीरे कुछ महीनों बाद पीरियड्स आना पूरी तरह से समाप्त हो जाता है।

इस दौरान महिलाओं में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव भी होते हैं। हार्मोन्स में बदलाव के कारण थकान और मूड स्विंगस् आदि भी होते हैं। मगर यह सब कुछ समय के लिए ही होता है। अगर मेनोपॉज़ के बाद भी आप ज्यादा थकान महसूस करें तो ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। लेकिन एक मिथ्य तो मेनोपॉज़़ को लेकर बना रहता है वह यह है कि मेनोपॉज़ के बाद औरतों में सेक्स करने की इच्छा समाप्त हो जाती है?

इस सवाल के जवाब को जानने के लिए हमने बात की अपोलो हॉस्पिटल (दिल्ली) की स्त्री रोग विशेषज्ञ निधि सिंह से। वह बताती हैं, “पोस्ट मेनोपॉज़ औरतों में वजाइनल ड्राईनेस की समस्या पैदा होती है। वह पहले की तरह खुद लुब्रीकेट नहीं होती है। जिसकी वजह से सेक्स के समय दर्द का सामना करना पड़ता है। इसके लिए आप बाज़ार में मिलने वाले लुब्रिकेट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।”

हमारे समाज में औरतों के लिए यह कहा जाता है कि औरतें 40 के बाद ‘अनडिज़ायरेबल’ हो जाती हैं। इसके पीछे वजह यह है कि 40-45 की उम्र के बाद महिलाओं में मेनोपॉज़ होना शुरू हो जाता है। 

कई बार हम यह सुनते हैं कि मेनोपॉज़ के बाद योनि का आकार छोटा हो जाता है। इसलिए आप इंटरकोर्स नहीं कर सकते। इस बारे में डॉक्टर निधि कहती हैं, “योनि (वजाइना) का आकार दो वजहों से छोटा होता है। एक जब प्रसव के लिए एपीजियोटोमी (episiotomy) की जाती है। इसे आम भाषा में छोटा ऑपरेशन भी कहते हैं। इसमें पेरिनम (योनि के उद्घाटन और गुदा के बीच की त्वचा और मांसपेशियां) में एक चीरा लगाया जाता है। जिन महिलाओं की एपीजियोटोमी होती है उन्हें हम डाइलेटर इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। यह योनि के टिशू को बढ़ाने में मदद करता है। योनि का आकार छोटा होने की दूसरी वजह मेनोपॉज़ है। मेनोपॉज़ के बाद योनि सिकुड़ जाती है। मगर इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप सेक्स नहीं कर सकते। आप बिलकुल सेक्स कर सकती हैं।”

सेक्स की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती है। हालांकि मेनोपॉज़ के बाद शरीर में बनने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन में काफ़ी गिरावट आ जाती है, जिसकी वजह से योनि (वजाइना) पहले की तरह लुब्रीकेट नहीं होती यानि कि ड्राई रहती है। ऐसे में जब आप इंटरकोर्स करते हैं तो काफ़ी दर्द होता है। वहीं उम्र बढ़ने के साथ सेक्स के लिए उत्तेजना भी कम होती जाती है, जिसकी वजह से भी ड्राईनेस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शारीरिक बदलाव के कारण आपकी सेक्स लाइफ में भी कुछ बदलाव आते हैं।

यह सामान्य है कि सेक्स के लिए आप जैसा पहले महसूस करती हों अब वैसा न कर पाएं। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि मेनोपॉज़ के बाद सेक्स लाइफ भी पॉज़ हो जाती है। यह धारणा कि मेनोपॉज़ के बाद सेक्स करने की इच्छा समाप्त हो जाती है, हमारे पितृसत्तात्मक समाज के दकियानूसी विचारों की पैदाइश है।

डॉक्टर्स ल्यूब्रिकेशन, डाइलेटर, वेजाइनल मॉइस्चराइजर आदि का प्रयोग करने की सलाह देते हैं। इससे आपको सेक्स करते समय ज्यादा दर्द नहीं होता है और आप सेक्स को एन्जॉय कर पाते हैं। आखिरी मगर सबसे ज़रूरी बात, आपस में संवाद। आप और आपके पार्टनर के बीच सेक्स को लेकर बातचीत बेहद अहम है। एक दूसरे की पसंद नापसंद जानना, शरीर के किस भाग पर स्पर्श आपको ज्यादा अच्छा लगता है आदि बातें। जितना खुलकर आप इस बारे में बात करेंगे उतने ही अच्छे से आप शारीरिक संबंध बना पाएंगे। 

बढ़ती उम्र के साथ शरीर तमाम तरह के बदलावों से गुजरता है। इसलिए हमारी लाइफस्टाइल में भी हमें बदलाव लाना बेहद ज़रूरी हो जाता है। ऐसे ही मेनोपॉज़ के बाद सेक्सुअल ज़रूरतें भी बदल जाती हैं। हो सकता है कि आप अब तक सेक्स के लिए जिन तरीकों से उत्तेजित होती हो अब उन तरीकों से आप उत्तेजना न महसूस करें। यह सामान्य है कि सेक्स के लिए आप जैसा पहले महसूस करती हों अब वैसा न कर पाएं। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि मेनोपॉज़ के बाद सेक्स लाइफ भी पॉज़ हो जाती है। यह धारणा कि मेनोपॉज़ के बाद सेक्स करने की इच्छा समाप्त हो जाती है, हमारे पितृसत्तात्मक समाज के दकियानूसी विचारों की पैदाइश है।



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