FII Inside News फेमिनिस्ट जॉय: FII ने शुरू की एक नई संपादकीय कॉलम

फेमिनिस्ट जॉय: FII ने शुरू की एक नई संपादकीय कॉलम

हम अपने नए संपादकीय कॉलम "फेमिनिस्ट जॉय" के लिए सबमिशन आमंत्रित कर रहे हैं, जहां हम अपनी बड़ी और छोटी जीतों का उत्सव मना सकें।

फेमिनिज्म का मतलब सिर्फ समानता और अधिकारों के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ना नहीं है, बल्कि यह खुशी, आत्म-सम्मान, और स्वतंत्रता की भी बात करता है। ‘फेमिनिस्ट जॉय’ एक ऐसी अवधारणा है, जो सभी लोगों; विशेषकर हाशिये पर रहने वाले लोगों की रोजमर्रा के जीवन की खुशियों और उपलब्धियों को मान्यता देती है और इसे सेलीब्रेट करने की बात करती है। ‘फेमिनिस्ट जॉय’ का महत्व इस बात में है कि यह समाज के पितृसत्तात्मक ढांचे को चुनौती देती है और लोगों को सकारात्मक रूप में सशक्त बनाती है। यह एहसास है कि ये खुशी भी महत्वपूर्ण है और आप अपने अस्तित्व का सम्मान करते हैं। यह खुशी आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

नारीवादी खुशी का महत्व एक ऐसी अवधारणा है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता, और यह नारीवादी सोच से गहराई से जुड़ा हुआ है। नारीवाद केवल अन्याय और शोषणकारी ढांचे को खत्म करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका एक अहम हिस्सा यह भी है कि हम कैसे पूंजीवादी और दबाव बनाने वाली व्यवस्थाओं के खिलाफ़ संघर्ष करते हुए खुशी को पा सकते हैं और आत्मनिरभरता को महसूस कर सकते हैं। नारीवादी खुशी महिलाओं और हाशिये के समुदायों की स्वतंत्रता, आत्म-सम्मान और अधिकारों पर जोर देती है। पारंपरिक समाज में महिलाओं की खुशी अक्सर उनके परिवार, समाज या साथी से जुड़े मानकों के अनुसार तय की जाती है। लेकिन नारीवाद इन सीमाओं को तोड़ता है और खुशी को एक व्यापक दृष्टिकोण से देखने की मांग करता है।

नारीवादी दृष्टिकोण यह मानता है कि हर व्यक्ति को यह अधिकार होना चाहिए कि वह अपने जीवन के हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना सके, अपने जीवन के निर्णय खुद ले सके, और सामाजिक अपेक्षाओं के बंधन से मुक्त होकर अपने सपनों को पूरा कर सके। यह खुशी तब मिलती है जब वे अपने शरीर, अपने करियर, अपनी यौनिकता और अपने जीवन के हर पहलू पर पूरी तरह से नियंत्रण महसूस करते हों। नारीवादी खुशी केवल व्यक्तिगत अनुभव तक सीमित नहीं है, यह एक सामूहिक आंदोलन का भी हिस्सा है। जब लोग एकजुट होते हैं और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं, तब वे न केवल अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी खुशी और समानता की दिशा में कदम उठाते हैं।

नारीवादियों को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में असमानता, लैंगिक भेदभाव, हिंसा और अन्याय जैसी दमनकारी व्यवस्थाओं से संघर्ष करना पड़ता है। इन्हें एक अलग तरह के प्रतिरोध की आवश्यकता होती है—ऐसा प्रतिरोध जो खुशी और आनंद से भरा हो। एक लंबे और थकान भरे दिन के बाद छोटी-छोटी जीतों से मिलने वाली खुशी, रचनात्मकता, प्रेम, न्याय और जुड़ाव के जरिए मुक्ति की अनुभूति ही इस प्रतिरोध का रूप है।

एक समावेशी नारीवादी संस्था के रूप में, FII आपको अपने जीवन में उन छोटी जीतों का जश्न मनाने के लिए प्रोत्साहित करता है, जो तमाम बाधाओं और संघर्षों के बावजूद आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। हम अपने नए संपादकीय कॉलम “फेमिनिस्ट जॉय” के लिए सबमिशन आमंत्रित कर रहे हैं, जहां हम अपनी बड़ी और छोटी जीतों का उत्सव मना सकें।

यहां कुछ ऐसे विषय दिए गए हैं जो आपको अपने विचारों को एक साथ रखने में मददगार हो सकते हैं-

  • स्वतंत्रता का अनुभव
  • सामाजिक मान्यता
  • आत्म-सम्मान की बात
  • सकारात्मक वातावरण की बात
  • फेमिनिस्ट दोस्ती और रिश्ते
  • कलात्मक अभिव्यक्ति
  • सामाजिक परिवर्तन में आपका योगदान और उसकी खुशी
  • कार्यस्थल में आपके लिए समर्थन का महत्व, खुशी के पल
  • प्रतिरोध के रूप में खुशी
  • प्रतिरोध के रूप में आराम
  • प्रतिरोध के रूप में मौज-मस्ती और खुशी

यह सूची संपूर्ण नहीं है और आप इस विषय के भीतर उन विषयों पर लिखने के लिए स्वतंत्र हैं जिन्हें हमने यहां छोड़ दिया हो। कृपया हमें अपनी प्रविष्टियाँ भेजने से पहले हमारे सबमिशन दिशा-निर्देश देखें। आप अपनी प्रविष्टियाँ hindi@feminisminindia.com पर ईमेल कर सकते हैं।

नोट: इस संपादकीय सबमिशन के लिए शब्द सीमा 500 से 1000 शब्द है। हम सोशल मीडिया पोस्ट के रूप में लगभग 100 शब्दों की छोटी सबमिशन भी स्वीकार कर रहे हैं। यदि आप एक छोटी सोशल मीडिया प्रविष्टि सबमिट करना चाहते हैं तो कृपया इस फ़ॉर्म के माध्यम से अपनी प्रविष्टि सबमिट करें।

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