इस लेख में हम उन ट्रांस व्यक्तियों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने 2024 में देश और दुनिया में महत्वपूर्ण सम्मान और पहचान हासिल की। समाज में एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के खिलाफ पूर्वाग्रह और भेदभाव अब भी मौजूद हैं, लेकिन इसके बावजूद ट्रांस समुदाय अपनी पहचान को मजबूती से प्रस्तुत कर रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में ये लोग पुरानी धारणाओं को चुनौती देते हुए अपने स्थान को और अधिक सशक्त बना रहे हैं और पूरी दुनिया को प्रेरित कर रहे हैं। चलिए जानते हैं उन ट्रांस व्यक्तियों के बारे में जो इस साल सुर्खियों में रहे।
1. मानवी मधु कश्यप
मानवी मधु कश्यप, एक ट्रांसजेंडर महिला, ने बिहार राज्य की पहली ट्रांसजेंडर सब-इंस्पेक्टर बनकर एक नई मिसाल कायम की। उनके इस पद पर चयन ने न केवल एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय के अधिकारों की दिशा में प्रगति को दिखाया है, बल्कि समाज में समानता की ओर बढ़ते कदम को भी रेखांकित किया है। उनका जन्म बिहार के बांका जिले के पंजवारा गांव में हुआ, जहां उन्होंने बचपन से ही अपनी पहचान को लेकर संघर्ष किया। प्रारंभिक जीवन में उन्हें समाज और परिवार से भेदभाव का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। मानवी ने बिहार पुलिस की सब-इंस्पेक्टर परीक्षा पास की, और इस तरह वह बिहार की पहली ट्रांसजेंडर सब-इंस्पेक्टर बनीं। उनका अगला लक्ष्य यूपीएससी परीक्षा के माध्यम से आईएएस अधिकारी बनने का है। यह कदम न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
2. नाव्या सिंह
नाव्या सिंह एक ट्रांसजेंडर महिला हैं, जिन्होंने मिस यूनिवर्स इंडिया 2024 पेजेंट में हिस्सा लिया और एक ऐतिहासिक कदम उठाया। बिहार के कटिहार से ताल्लुक रखने वाली नाव्या ने अपनी जेंडर डिस्फोरिया को स्वीकार किया और सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी कर अपनी असली पहचान को अपनाया। वह 2016 में लैक्मे फैशन वीक में रैंप पर चलने वाली पहली ट्रांसजेंडर महिला बनी और इतिहास रची थीं। इसके बाद, वे बड़े फैशन डिजाइनरों के लिए मॉडलिंग करती रही हैं और टेलीविजन पर भी अपनी जगह बना चुकी हैं। मिस यूनिवर्स इंडिया 2024 पेजेंट में हिस्सा लेकर उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाई और समानता के लिए कदम उठाया।
3. अक्कई पद्मशाली
अक्कई पद्मशाली, कर्नाटका की प्रमुख ट्रांसजेंडर अधिकार कार्यकर्ता हैं जो 2024 में अपने संघर्ष और उपलब्धियों के कारण फिर से चर्चा में आईं। इस साल उन्होंने अपने बेटे का पासपोर्ट बनवाया, जिसमें सिर्फ उनका नाम माँ के रूप में था। यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी क्योंकि समाज में ट्रांसजेंडर माता-पिता के अधिकारों को मान्यता एक कठिन काम है। इसके अलावा, अक्कई ने अपने पति से तलाक लेने के बाद अपने बेटे की खुद अकेले कस्टडी प्राप्त की। अक्कई विवाह समानता के पक्ष में हैं और ट्रांसजेंडर लोगों के खिलाफ हिंसा के खिलाफ अभियान चला रही हैं। उनकी इन उपलब्धियों ने ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष को और मजबूती दी है।
4. रानी कोहिनूर
रानी कोहिनूर, जो सुषांत दिवगीकर के नाम से भी जानी जाती हैं, भारतीय ड्रैग आर्ट और LGBTQIA+ समुदाय की प्रमुख आवाज़ हैं। वे गायिका, अभिनेता और एक्टिविस्ट हैं, जिन्होंने भारतीय समाज में LGBTQIA+ समुदाय के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। 2024 में उन्होंने गुजरात के सूरत में आयोजित सुवर्ण नवरात्रि उत्सव में प्रस्तुति दी, और इस कार्यक्रम में तीन लाख से अधिक दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। यह उनकी कला और संस्कृति के माध्यम से समावेशिता और समानता के संदेश का प्रतीक था।
5. अनाया बांगर
अनाया बांगर, जो पहले आर्यन के नाम से जानी जाती थीं, भारतीय क्रिकेटर संजय बांगर की बेटी हैं। उन्होंने 2023 में अपनी ट्रांसजेंडर यात्रा की शुरुआत की और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के माध्यम से अपनी पहचान को स्वीकार किया। हालांकि, ICC के निर्णय के कारण उन्हें महिला क्रिकेट टीम में खेलने से रोक दिया गया, लेकिन अनाया ने इस फैसले के खिलाफ अपनी निराशा व्यक्त की और ट्रांसजेंडर एथलीटों के लिए बेहतर नियमों की आवश्यकता पर जोर दिया। वे ट्रांसजेंडर अधिकारों, खासकर खेलों में समान अवसरों के लिए के लिए आवाज़ उठाती रही हैं।
6. खुशी शेख
खुशी शेख, एक प्रसिद्ध ट्रांसजेंडर मॉडल और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, जिन्होंने भारतीय फैशन इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनकी शुरुआत काफी कठिन रही, लेकिन उन्होंने संघर्ष करते हुए खुद को स्थापित किया और भारतीय फैशन इंडस्ट्री में एक मजबूत स्थान पाया। खुशी ने अपनी सोशल मीडिया पर ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आत्म-स्वीकृति और जागरूकता फैलाने का काम किया है। उनका जीवन यह सिखाता है कि किसी भी पहचान को स्वीकार करने और समाज में समानता लाने के लिए साहस और आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है ।
7. राजन सिंह
हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर राजन सिंह 2024 के आम चुनावों में भाग लेने वाले दिल्ली से पहले ट्रांस उम्मीदवार हैं। दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट के लिए स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ चुके सिंह की उम्मीदवारी ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक साहसिक बयान है, जो मान्यता और समान अधिकारों की मांग कर रहा है। सिंह को प्रतिद्वंद्वी दलों से धमकियों का भी सामना करना पड़ा और अपने अभियान के दौरान शत्रुता और शारीरिक शर्मिंदगी के कारण पुलिस सुरक्षा प्राप्त करनी पड़ी थी।
8. दुर्गा बाई मझवार
मध्य प्रदेश के कन्हवारा से भारत की पहली ट्रांसजेंडर ग्राम प्रधान (सरपंच) के रूप में जानी जाने वाली दुर्गा बाई लंबे समय से स्थानीय राजनीति में आगे रही हैं। 2024 में दमोह निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनावी मैदान में उतरकर उन्होंने महत्वपूर्ण प्रभाव डाला, जिससे ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की बढ़ती राजनीतिक भागीदारी का पता चलता है।
9. सुनैना सिंह
झारखंड में, सुनैना सिंह ने 2024 लोक सभा चुनाव धनबाद से लड़ा, जिसमें उन्हें भाजपा के दुलु महतो और कांग्रेस की अनुपमा सिंह सहित प्रमुख राजनीतिक हस्तियों से चुनौती मिली। धनबाद के पी के रॉय मेमोरियल कॉलेज से जूलॉजी स्नातक, 35 वर्षीय सुनैना को उत्तर प्रदेश स्थित नकी भारतीय एकता पार्टी (एनबीईपी) से भी टिकट मिला था। वर्तमान में वह ‘किन्नर मां ट्रस्ट’ की जिला अध्यक्ष हैं।
साल 2024 में, ट्रांस समुदाय के विभिन्न सदस्य अपनी अद्वितीय यात्रा और संघर्षों के बावजूद समाज में एक नया मुकाम हासिल कर रहे हैं। इन सभी ने न केवल अपने-अपने क्षेत्रों में सफलता प्राप्त की, बल्कि वे ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों और समानता के लिए भी एक मजबूत आवाज बन चुके हैं। इनकी उपलब्धियाँ हमें यह सिखाती हैं कि किसी भी व्यक्ति की पहचान, चाहे वह ट्रांसजेंडर हो या न हो, उसे सम्मान और स्वीकृति मिलनी चाहिए। कठिनाइयां और भेदभाव के बावजूद, संघर्ष, आत्मविश्वास, और कड़ी मेहनत से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। आने वाले समय में, इन ट्रांस व्यक्तियों की सफलता और संघर्ष समावेशिता, समानता और मानवाधिकारों की दिशा में एक सकारात्मक बदलाव लाएगा। समाज को अपनी धारणाओं और पूर्वाग्रहों से बाहर निकलकर हर व्यक्ति को अपनी असली पहचान को स्वीकार करने का मौका देना चाहिए, ताकि हम एक समान, न्यायपूर्ण और समावेशी समाज की ओर बढ़ सकें।