‘डियोड्रेंट लगाने से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। पुरुषों को ब्रेस्ट कैंसर नहीं हो सकता है।’ ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी ऐसी कई बातें हम सबने कभी न कभी ज़रूर सुनी होंगी। ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है। हर साल भारत में क़रीब डेढ़ लाख से ज़्यादा महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित होती हैं यानी कि हर एक लाख महिलाओं में से 26 महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होता है। जर्नल ऑफ़ बिज़नेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2012 में ब्रेस्ट कैंसर से 70,218 जानें गईं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2018 के दौरान भारत में ब्रेस्ट कैंसर से क़रीब 87,000 मौतें हुईं थीं जबकि महिलाओं को होने वाले कैंसर में से 28 प्रतिशत मामले ब्रेस्ट कैंसर के ही थे।
ये आंकड़े डराने वाले हैं पर ये हमारे समाज में ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते ख़तरे की वास्तविकता को भी दर्शाते हैं लेकिन इसके बावजूद आज भी हमारा पितृसत्तात्मक समाज महिला स्वास्थ्य और उनके शरीर से जुड़े मुद्दों पर बात करने से कतराता है। ‘स्तन’ को लेकर शर्माने और चुप रहने की संस्कृति ने ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े कई मिथ्यों को बढ़ावा दिया है। आज हम अपने इस लेख में ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े ऐसे ही मिथ्यों और उनके तथ्यों के बारे में।
1- मिथ्य : ब्रेस्ट में गांठ का मतलब ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत
ब्रेस्ट में गांठ होने का मतलब ब्रेस्ट कैंसर ही नहीं होता है। बता दें कि ब्रेस्ट में होने वाली गांठ दो तरह की होती हैं। एक होती है नॉन कैन्सरस। इसको दूध की गांठ भी कहते हैं। दूसरी होती है कैन्सरस गांठ। जब तक हम ब्रेस्ट के कैंसर की जांच नहीं करवाते तब तक यह नहीं कह सकते हैं कि ये कैन्सरस गांठ है या सादी गांठ है। इसलिए हर एक गांठ की जांच करना बहुत ज़रूरी है। शोध के मुताबिक, ब्रेस्ट में गांठ के सिर्फ 10 प्रतिशत मामले ही कैंसर का संकेत होते है। ज़्यादातर मामलों में यह समस्या फैट और सिस्ट के कारण होती है।
2- मिथ्य : अंडरवायर ब्रा पहनने से कैंसर का खतरा बढ़ता है।
ऐसा नहीं है। कई बार अंडरवायर ब्रा को लेकर ये चिंता जताई जाती है कि इसके कप की बनावट ब्रेस्ट में लिम्फ़ फ़्लूइड के फ़्लो को प्रभावित करते हैं लेकिन वास्तव में इससे जुड़ी कोई तथ्यात्मक जानकारी मौजूद नहीं है। द गार्डियन की एक रिपोर्ट बताती है कि साल 2014 में फ्रेड हचिंसन कैंसर सेंटर द्वारा की गई एक स्टडी बताती है कि ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर होने का कोई संबंध नहीं है। हां, गलत साइज़ या खराब क्वॉलिटी से बनी ब्रा से तकलीफ़ जरूर होती है लेकिन इसका निष्कर्ष हम ये नहीं निकाल सकते कि अंडरवायर ब्रा स्तन कैंसर की एक वजह है।
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3- मिथ्य : डियोड्रेंट लगाने से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।
अध्ययन के मुताबिक, ब्रेस्ट कैंसर और डियोड्रेंट का आपस में बीच कोई संबंध नहीं है जो महिलाएं इसका इस्तेमाल करती हैं, उन्हें कैंसर का खतरा नहीं होता। अब तक इस संबंध में कोई ऐसी स्टडी सामने नहीं आई है जो यह कह सके कि डियोड्रेंट लगाने से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।
4- मिथ्य : अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर नहीं है तो इसका मतलब ये नहीं कि आपको ब्रेस्ट कैंसर नहीं होगा।
बेशक ब्रेस्ट कैंसर के 80 प्रतिशत मामले जेनेटिक होते हैं लेकिन ऐसा भी नहीं है कि अगर परिवार में किसी को यह समस्या नहीं है तो आप सुरक्षित हैं। यह बीमारी आपके खराब लाइफस्टाइल से भी जुड़ी है।
5- मिथ्य : पुरुषों को नहीं होता ब्रेस्ट कैंसर
अगर आपको लगता है कि समस्या सिर्फ महिलाओं को होती है तो आप गलत है। आजकल ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी पुरुषों में भी देखने को मिल रही है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक कई लोगों को यह तक पता नहीं होता कि मर्दों में भी ब्रेस्ट टिश्यूज़ होते हैं जो ब्रेस्ट कैंसर में तब्दील हो सकते हैं।
अगर ब्रेस्ट कैंसर की पहचान सही समय पर की जाए तो इसके ख़तरे को कम करके सही समय पर इसका इलाज शुरू किया जा सकता है। इसके लिए ज़रूरी है कि महिलाएं अपने ब्रेस्ट की जांच करती रहें। वे अपने ब्रेस्ट को छूकर देखें कि ब्रेस्ट में किसी भी तरह की गांठ या दूध जैसे लम्पस तो नहीं दिख रहे। ऐसा होने पर बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।
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तस्वीर साभार : Times of India